“ये बताना मुश्किल होगा कि कौन हिंदू है और कौन मुसलमान (ई बतावल मुश्किल होखी के हिंदू ह, के मुसलमान).”

मोहम्मद शब्बीर कुरैशी, 68 बरिस, अपना आ आपन पड़ोसी, 52 बरिस के अजय सैनी के बारे में बतिया रहल बाड़न. दूनो लोग अयोध्या के रहे वाला बा. रामकोट के दुरही कुआं इलाका में ऊ लोग पछिला 40 बरिस से मिल-जुल के रहत बा.

दुनो परिवार के नजदीकी संबंध बा. ऊ लोग रोज के सुख-दुख बांटेला आउर एक-दोसरा पर भरोसा करेला. अजय सैनी इयाद करत बाड़न, “एक बेरा हम काम पर रहीं. अचके घरे से फोन आइल कि हमार लइकी बेमार पड़ गइली. एह से पहिले कि हम घरे भगतीं, घरवाली बतइली कि कुरैशी परिवार के लोग हमार लइकी के अस्पताल लेके गइल बा, आउर दवा-दारू करवावत बा.”

दुनो प्राणी घर के पिछवाड़ा में बइठल बा. चारों ओरी भइंस, बकरी आउर आधा दरजन मुरगी घूम रहल बा. ओह लोग के लरिका-फरिका लोग उहंई खेलत-कूदत बा, धउगत बा, गप्प लड़ावत बा.

ई जनवरी 2024 के बात बा. राम मंदिर के खूब धूमधाम से उद्घाटन खातिर अयोध्या तइयार हो रहल बा. ओह लोग के घर आउर राम मंदिर के परिसर के बीच एकदम चकाचक, भारी-भरकम आउर दोहरा बैरिकेड वाला लोहा के ग्रिल लागल बा.

सैनी तब 18 बरिस के ना भइल रहस, जब उनकर परिवार अस्सी के दसक में कुरैशी के पड़ोस में बनल एह घर में आके बसल गइल. ओह घरिया ऊ बाबरी मस्जिद के अहाता में राम मूरति के दर्शन करे आवे वाला भक्त लोग के एक रुपइया में फूल के माला बेचत रहस.

कुरैशी परिवार मूल रूप से कसाई के काम करत रहे. अयोध्या शहर के बाहरी इलाका में ओह लोग के मांस के दोकान रहे. साल 1992 में भइल  आगजनी में घर जरला के बाद, ऊ लोग वेल्डिंग के काम सुरु कइलक.

Left: Ajay Saini (on a chair in green jacket), and his wife, Gudiya Saini chatting around a bonfire in December. They share a common courtyard with the Qureshi family. Also in the picture are Jamal, Abdul Wahid and Shabbir Qureshi, with the Saini’s younger daughter, Sonali (in a red sweater).
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Right: Qureshi and his wife along with his grandchildren and Saini’s children
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बावां: अजय सैनी (हरियर जैकेट में कुरसी पर) आउर उनकर घरवाली गुड़िया सैनी दिसंबर में अलाव लगे बइठके बतियावत बा. उनकर आउर कुरैशी लोग के एके अंगना बा. फोटो में सैनी के छोट लइकी सोनाली (लाल स्वेटर) संगे जमाल, अब्दुल वाहिद आउर शब्बीर कुरैशी लोग भी बा. दहिना: कुरैशी आउर उनकर घरवाली सैनी के लरिकन आउर आपन पोता-पोती संगे

“एह लरिकन सभ के देखीं... ई लोग हिंदू ह... हमनी मुसलमान हईं. ऊ लोग आपस में भाई-बहिन बा,” कुरैशी अपना चारों ओरी खेल रहल सभे उमिर के पड़ोस के लरिकन सभ के झुंड देखावत कहले. “अब आप हमारे रहन-सहन से पता कीजिए कि यहां कौन क्या है. हम एक दूसरे के साथ भेदभाव नहीं करते (हमनी के रहे-सहे के तरीका देख के पता करीं कि इहंवा के का बा. हमनी एक दोसरा संगे कवनो तरह के भेदभाव ना बरतीं),” ऊ कहले. अजय सैनी के घरवाली, गुड़िया सैनी भी हामी भरत कहली, “ऊ लोग दोसर धरम के बा, एकरा से हमनी के एक्को रत्ती फरक ना पड़े.”

कुरैशी के इकलौती लइकी नूरजहां के दस बरिस पहिले बियाह भइल रहे. अजय सैनी बतावे लगलन, “हमनी शादी के सभ रस्म आउर धूम-धड़क्का में शामिल रहीं, बरियात के आवभगत करे आउर ओह लोग के ख्याल रखे में लागल रहीं. हमनी के घर के आदमी लेखा आदर सत्कार होखेला. हमनी जानिले कि हमनी एक-दोसरा खातिर बानी.”

बतकही होत-होत धीरे-धीरे राम मंदिर के बात उठ गइल. ऊ लोग जहंवा बइठल रहे, उहंवा से राम मंदिर लउकत रहे. भव्य आ विशाल मंदिर, जेकर निर्माण अभी पूरा ना भइल रहे. असमान छुअत, भारी-भारी क्रेन से घेराइल राम जी के मंदिर कुहासा में लुका गइल रहे.

कुरैशी बन रहल नयका भव्य मंदिर ओरी इशारा करत बाड़न. मंदिर ओह लोग के साधारण ईंट आउर गारा से बनल घर से मुस्किल से कुछे फीट दूर होई. “वो मस्जिद थी, वहां जब मगरिब के वक्त अजान होती थी तो मेरे घर में चिराग जलता था, (ऊ मस्जिद रहे. उहंवा जब मगरिब घरिया अजान होखे, तब हमनी घरे चिराग जलत रहे)” मस्जिद ढहावल जाए से कुछ दिन पहिले के बात इयाद करत ऊ कहले.

बाकिर जनवरी 2024 में कुरैशी खाली अजान के चुप्पी से ना परेसान रहस.

“हमनी के राम मंदिर परिसर से सटल सभे घर खाली करे के योजना के बारे में पता चलल. अप्रिल-मई (2023) में भू-राजस्व विभाग के जिला अधिकारी लोग एह इलाका के दौरा करे आइल. इहंवा मौजूद सभ घर के माप-जोख कइल गइल,” सैनी एह रिपोर्टर के बतइलन. सैनी आउर कुरैशी दुनो प्राणी के घर मंदिर परिसर आउर दोहरा बैरिकेड वाला बाड़ से सटल रहे.

गुड़िया बतइली, “हमनी खुस बानी कि हमनी के घर लगे एतना भव्य मंदिर बन रहल बा, बिकास के एतना काम हो रहल बा. बाकिर ई सभ (बिस्थापन) से केहू के फायदा नइखे होखे वाला. अयोध्या का कायापलट हो रहा है, पर हम ही लोगों को पलट के (अयोध्या के कायापलट हो रहल बा, बाकिर हमनिए के पलट के).”

तनिए दूर पर ज्ञानमती यादव के घर रहे, जेकर अब नामोनिशान नइखे. ऊ लोग अब गोइठा (गाय के सूखल गोबर) आउर सूखल घास से छावल एगो फूस के झोंपड़ी में रह रहल बा. ज्ञानमति कहेली, “हमनी कबो ना सोचले रहीं कि रामजी के मंदिर मिले खातिर हमनी के अइसे आपन घर से बेघर होखे के पड़ी.” ऊ विधवा बाड़ी. नया माहौल में आपन परिवार के एकजुट रखे के कोसिस करत बाड़ी. यादव परिवार दूध बेच के घर चलावेला.

Gyanmati (left) in the courtyard of her house which lies in the vicinity of the Ram temple, and with her family (right). Son Rajan (in a blue t-shirt) is sitting on a chair
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Gyanmati (left) in the courtyard of her house which lies in the vicinity of the Ram temple, and with her family (right). Son Rajan (in a blue t-shirt) is sitting on a chair
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ज्ञानमति (बावां) राम मंदिर के पड़ोस में आपन घर के अंगना में. आपन परिवार (दहिना) संगे. उनकर लइका राजन (बुल्लू बुश्शर्ट) कुरसी पर बइठल बाड़न

उनकर छव कमरा वाला पक्का घर अहिराना मोहल्ला में मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से सटले पड़त रहे. बाकिर एकरा दिसंबर 2023 में ढाह देहल गइल. “बुलडोजर आइल आउर हमनी के घर तोड़ देलक. हमनी घर के कागज, टैक्स आउर बिजली के बिल सभ कुछ देखवनी, बाकिर बाबू कहले कि एकर कवनो फायदा नइखे,” उनकर बड़ लइका राजन कहले. ओह रात ज्ञानमति के चार गो लरिकन के परिवार, बूढ़ ससुर आउर छव गो मवेशी के सरदी में खुल्ला आसमान के नीचे ठिठुरे खातिर छोड़ देवल गइल. ऊ बतइलन, “हमनी के घर से कुछुओ ना लेवे देहल गइल.” तिरपाल के एह तंबू में ठिकाना मिले रहे से पहिले एह परिवार के दू बेरा जगह बदले के पड़ल रहे.

“ई हमार घरवाला के खानदानी मकान रहे. ऊ आउर उनकर भाई-बहिन के जनम इहंई भइल. ओह बात के गुजरला पचास बरिस से जादे हो गइल. बाकिर हमनी के अधिकारी लोग से कवनो तरह के मुआवजा ना मिलल. ऊ लोग कहेला कि ई नजुल (सरकारी) जमीन बा. जबकि हमनी लगे आपन दावा साबित करे खातिर सभे जरूरी कागज रहे.”

कुरैशी आउर उनकर लइका के कहनाम बा जदि पर्याप्त मुआवजा मिल जाव, त ऊ लोग अयोध्या शहर में कहूं अउर जमीन खोज लिहित. बाकिर अइसन करे से ओह लोग के फायदा ना होई. “हमनी के इहंवा के सभे लोग जानेला. इहंवा के लोग से हमनी के करीबी संबंध रहल बा. जदि हमनी इहंवा से निकल जाएम आउर जाके फैजाबाद (मुस्लिम बहुल इलाका) में बस जाएम, त हमनी दोसरा लोग जइसन आम आदमी हो जाएम. हमनी अयोध्यावासी ना रहम,” शब्बीर के छोट लइकन में से एगो, जमाल कुरैशी कहलन.

अजय सैनी एगो आउर बात कहले, “हमनी के आस्था एह धरती से जुड़ल बा. जदि इहंवा से कोई 15 किमी दूर जाके रहे के पड़ल, त हमनी के आस्था आउर रोजगार दुनो संकट में पड़ जाई.”

सैनी काम चलते आपन घर छोड़ के कहूं आउर जाके रहे खिलाफ बाड़न.  “नया घाट लगे नागेश्वरनाथ मंदिर फूल बेचे जाए खातिर हमरा इहंवा से रोज 20 मिनिट साइकिल चला के जाए के पड़ेला. मंदिर में श्रद्धालु लोग के भीड़ के हिसाब से रोज के 50 से 500 रुपइया के आमदनी हो जाला. परिवार के खरचा चलावे के इहे एकमात्र जरिया बा. अइसन में जदि जगह बदलल, त “आवे-जाए के जादे समय लागी आउर अतिरिक्त खरचा उठावे के पड़ी.”

जमाल कहले, “हमनी के गर्व बा कि अइसन भव्य मंदिर हमनी के घर लगे बा. देस के सर्वोच्च अदालत आस्था के आधार पर एकर मंजूरी दे चुकल बा. अब विरोध करे के कवनो कारण नइखे बचत.”

“बाकिर,” ऊ कहले, “हमनी के इहंवा रहे के अनुमति नइखे. हमनी के निकाल बाहिर कइल जात बा.”

Left: Workmen for the temple passing through Durahi Kuan neighbourhood in front of the double-barricaded fence.
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Right: Devotees lining up at the main entrance to the Ram temple site
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बावां: मंदिर बनावे वाला एगो मजूर दोहरा बैरिकेड वाला बाड़ के सोझे दुरही कुंआ के इलाका से गुजर रहल बा. दहिना: भक्त लोग राम मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान के दर्शन खातिर लाइन लगइले बा

कुरैशी परिवार पहिलहीं एह इलाका में सशस्त्र केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान सभ के मौजूदगी आउर आपन घर से सटले, मंदिर के पाछु के परिसर में व़ॉचटावर के चौबीसो घंटा के निगरानी से आजीज आइल बा. “हर महीना, अलग-अलग एजेंसी इहंवा रहे वाला लोग के जांचे खातिर चार-चार बेरा आवेला. जदि हमनी घरे कवनो मेहमान चाहे, नाता-रिस्तेदार रात में आइल आउर रुक गइल, त हमनी के पुलिस के ओह लोग के पूरा जानकारी देवे के पड़ेला,” गुड़िया बतइली.

एह इलाका के लोग के अहिराना गली आउर लगे के मंदिर से सटल रस्ता पर आवे-जाए के मनाही बा. ओह लोग के हनुमानगढ़ी जाए खातिर अब लंबा घुमावदार रस्ता लेवे के पड़ेला.

22 जनवरी 2014 के दिन राम मंदिर के भव्य उद्घाटन खातिर बड़ संख्या में राजनेता, मंत्री आउर मशहूर हस्ती लोग पहुंचल. सभे वीआईपी लोग के पलटन के मंदिर पहुंचे खातिर, दुरही कुआं में ओहि लोग के घर के सामने के रस्ता से जाए के ब्यवस्था रहे.

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सोमवार, 5 फरवरी 2024 के जब राज्य सरकार के 2024-25 के बजट पेश भइल त एकरा भगवान राम के समर्पित कइल गइल. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहले, “बजट के विचार, प्रतिज्ञा आउर एक-एक अक्षर में भगवान राम बसल बाड़न.” बजट में अयोध्या के तीर्थस्थल में बदले खातिर बुनियादी ढांचा के मद में 1,500 करोड़ रुपइया आउर अंतरराष्ट्रीय रामायण आउर वैदिक अनुसंधान संस्थान खातिर 10 करोड़ रुपइया के प्रावधान कइल गइल बा.

बतावल जात बा कि राम मंदिर परिसर 70 एकड़ से जादे में बनल बा. मुख्य मंदिर 2.7 एकड़ में फइलल बा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (एसआरजेटीकेटी) से भी मंदिर खातिर धन आवेला. एह ट्रस्ट के गिनती बिदेसी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत होखे वाला कुछ पसंदीदा संगठन में से होखेला. एकरा में बिदेसी नागरिक लोग से मिलल दान भी शामिल बा. ट्रस्ट खातिर दान देवे वाला नागरिक के कर में राहत के ब्यवस्था कइल गइल बा.

केंद्र सरकार अयोध्या के बिकास खातिर पइसा पानी जइसन बहवले बा- ‘बिकास’ परियोजना खातिर 11,100 करोड़ रुपइया, रेलवे स्टेशन के पुनर्निमाण खातिर 240 करोड़ रुपइया आउर नयका हवाई अड्डा खातिर 1,450 करोड़ रुपइया.

राम मंदिर उद्घाटन के बाद उठा-पटक आउर बढ़े के आशंका बा. मुकेश मेश्राम के कहनाम बा, “आम जनता खातिर मंदिर के पट खुलला के बाद अयोध्या में प्रतिदिन 3 लाख से जादे पर्यटक के आवे के अनुमान बा.” मुकेश, उत्तर प्रदेस सरकार में प्रमुख सचिव (पर्यटन) पद पर बाड़न.

अयोध्या अतिरिक्त श्रद्धालु लोग के आवे के खातिर जोर-शोर से तइयार होखत बा. शहर भर में बुनियादी ढांचा के विस्तार के योजना बा. बाकिर डर बा कि बिकास के ई रस्ता पुरान घर आउर भाईचारा दुनो के रउंदत ना निकल जाव.

Left: The Qureshi and Saini families gathered together: Anmol (on the extreme right), Sonali (in a red jumper), Abdul (in white), Gudiya (in a polka dot sari) and others.
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Right: Gyanmati's sister-in-law Chanda. Behind her, is the portrait of Ram hung prominently in front of the house
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बावां: कुरैशी आउर सैनी परिवार संगे-संगे: अनमोल (सबले दहिना), सोनाली (लाल कपड़ा), अब्दुल (उज्जर कपड़ा), गुड़िया (साड़ी) आउर दोसर लोग. दहिना: ज्ञानमति के ननद चंदा. उनकरा पाछू, हमनी राम जी के प्रतिमा

Left: Structures that were demolished to widen the main road, 'Ram Path'.
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Right: the renovated Ayodhya railway station. This week, the state budget announced more than Rs. 1,500 crore for infrastructural development in Ayodhya including Rs. 150 crore for tourism development and Rs. 10 crore for the International Ramayana and Vedic Research Institute
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बावां: ‘राम पथ’ चौड़ा करे खातिर तोड़ल गइल ढांचा. दहिना: नयका रूप में अयोध्या रेलवे स्टेसन. एह हफ्ता यूपी सरकार बजट में अयोध्या के तीर्थस्थल बनावे खातिर बुनियादी ढांचा के मद में 1,500 करोड़ रुपइया आउर अंतरराष्ट्रीय रामायण आउर वैदिक अनुसंधान संस्थान खातिर 10 करोड़ रुपइया के प्रावधान कइले बा

“गली के मोड़ पर रहे वाला हमनी के रिस्तेदार, मुस्लिम परिवार के पहिलहीं मुआवजा मिल चुकल बा. उनकर घर के एक हिस्सा ढाह देवल गइल बा. काहेकि ई मंदिर के बाड़ा के रस्ता में आवत रहे,” कुरैशी के लइका जमाल बतवले. उनकर इशारा अइसने करीब 200 परिवार ओरी रहे. एह में 50 गो मुस्लिम परिवार भी शामिल बा जे 70 एकड़ के  राम मंदिर परिसर के लगे रहेला. ओह लोग पर घर से बेदखल होखे के खतरा मंडरा रहल बा. मंदिर ट्रस्ट (एसआरजेटीकेटी) जल्दिए ओह लोग के जमीन पर कब्जा करे वाला बा.

विश्व हिंदू परिषद् नेता शरद शर्मा के कहनाम बा, “मंदिर के परिधि के रस्ता में जवन घर सभ पड़त रहे, ओकरा ट्रस्ट कीन लेले बा. सभे लोग के उचित मुआवजा भी दे देहल गइल बा.” बाकिर स्थानीय लोग के आरोप बा कि ट्रस्ट, राम मंदिर के लगे पड़े वाला जमीन, रिहाइशी मकान, फकीरे राम मंदिर आ बद्र मस्जिद जइसन धार्मिक स्थल पर जबरिया कब्जा कर रहल बा.

एह बीच पहिलहीं से बेदखल कइल जा चुकल यादव आपन घर के दरवाजा पर भगवान राम जी के तस्वीर टंगले बाड़न. राजन कहले, “फोटो ना लगाएम त जिए ना देहल जाई.” 21 बरिस के खिलाड़ी परिवार चलाए खातिर कुश्ती बीचे में छोड़ देले रहस. अब उनकरा आपन घर छिना जाए के डर सतावत बा. “हर हफ्ता अधिकारी आउर बाइली (अनजान) आदमी सभ आवेला आउर हमनी के जमीन खाली करे के धमकी देवेला, जहंवा हमनी के झोपड़ी बनल बा. ई जमीन त हमनिए के बा, बाकिर हमनी इहंवा पक्का मकान ना बना सकीं,” ऊ पारी के बतइलन.

*****

“हमार घर जरत रहे. लूटल जात रहे. गोस्साइल भीड़ हमनी के घेर लेले रहे,” कुरैशी 6 दिसंबर, 1992 आउर ओकर बाद के घटना इयाद करत बाड़न. बता दीहीं कि उहे दिन अयोध्या में हिंदू लोग के भारी भीड़ बाबरी मस्जिद ढाह देले रहे, मुसलमान लोग के निशाना बनइले रहे.

आज तीस बरिस बाद ऊ दिन इयाद करत ऊ कहले, “ऐसे माहौल में हमको छुपा लिया गया और उसके बाद बाइज्जत हमको रखा. ये बात, मरते दम तक भुला नहीं पाएंगे, दिल से (अइसन माहौल में मोहल्ला के लोग हमनी के अपना इहंवा लुका लेलक, मान-इज्जत से रखलक. ई बात मरत दम ले ना भुला पाएम).”

दुरही कुआं के हिंदू बहुल इलाका में कुरैशी परिवार जइसन कुछ मुट्ठी भर मुस्लिम लोग रहेला. “हमनी इहंवा से जाए के कबो ना सोचनी. ई हमनी के पुश्तैनी घर बा. हमरा तनिको अहसास नइखे कि हमनी के वंश के केतना लोग इहंवा रहेला. हिंदू लोग जेका ही हमनियो इहंवा के मूल निवासी बानी,” कुरैशी आपन घर के पिछवाड़ा, एगो खाट पर बइठल एह रिपोर्टर के बतइलन. ऊ आपन लंबा-चौड़ा परिवार के मुखिया ठहरलन. उनकर परिवार में दु गो भाई आउर ओह लोग के परिवार संगे उनकर आपन आठ गो लइका, घरवाली आउर बच्चा सभ बा. ऊ बतइलन कि बाबरी मस्जिद के ढाहे जाए घरिया भइल दंगा में पड़ोसी लोग उनकर परिवार के 18 लोग, जे इहंई रह गइल, पर कवनो तरह के आंच ना आवे देले रहे.

गुड़िया सैनी के कहनाम बा, “ऊ लोग हमनी के परिवार जइसन बा. सुख होखे, दुख होखे, हमनी हरमेसा एक-दोसरा संगे ठाड़ रहिला. जदि हिंदू होके भी रउआ संकट घरिया मदद ना कइनी, अइसन हिंदू भइला पर त धिक्कारे नू बा.”

कुरैशी भी आपन बात जोड़त कहलन, “ई अयोध्या बा. के हिंदू बा, के मुसलमान पहचान में ना आवे. इहंवा ऊ लोग आपस में केतना घुलल-मिलल बा रउआ समझ ना सकीं.”

Left: 'They are like our family and have stood by us in happiness and sorrow,' says Gudiya Saini.
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Right: Shabbir’s grandchildren with Saini’s child, Anmol. ' From our everyday living you cannot tell who belongs to which religion. We don’t discriminate between us,' says Shabbir
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बावां: गुड़िया सैनी कहली, ‘ऊ लगो हमनी के परिवार जेका बा, सुख-दुख में हरमेसा हमनी खातिर ठाड़ रहेला’. दहिना: शब्बीर के पोता-पोती, सैनी के लरिका अनमोल संगे

Left: Shabbir Qureshi with sons Abdul Wahid and Jamal inside the family’s New Style Engineering Works welding shop. The family started with the work of making metal cots and has now progressed to erecting watch towers and metal barricades inside the Ram Janmabhoomi temple.
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Right: Saini’s shop on the left, and on the extreme right is Qureshi shop
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बावां: शब्बीर कुरैशी आपन खानदानी वेल्डिंग के दोकान न्यू स्टाइल इंजीनियरिंग वर्क्स में आपन लइका अब्दुल वाहिद संगे. परिवार धातु के खटिया बनावे से आपन धंधा सुरु कइले रहे. अब ऊ लोग राम जन्मभूमि मंदिर के भीतर वॉच टावर आउर धातु के बाड़ा लगावे के भी काम कर रहल बा. दहिना: बावां सैनी के दोकान आउर एकदम दहिना कुरैशी के दोकान लउकत बा

हिंसा में घर जरला के बाद, जमीन के सांकर पट्टी पर परिवार आपन मकान के कुछ हिस्सा फेरू से बनलइलक. परिवार के 60 गो सदस्य के रहे खातिर एह मकान के पिछवाड़ा में तीन गो आउर घर बनल बा.

कुरैशी के दू गो लइकन- 45 बरिस के अब्दुल वाहिद, ओकर बाद वाला 35 बरिस के जमाल आउर चउथा नंबर वाला लइका लोग मिल के वेल्डिंग के काम करेला. उहंवा से बन रहल नयका मंदिर के रिंग साइड के हिस्सा लउकेला. जमाल कहलन, “हमनी 15 बरिस भीतरी काम कइले बानी. परिसर के चारों ओरी 13 गो सुरक्षा टावर आउर 23 गो बाड़ा सहित कइएक तरह के वेल्डिंग वाला काम के अंजाम देवल गइल बा,” जमाल कहलन. ऊ लोग आरएसएस, वीएचपी आउर सभे हिंदू मंदिर खातिर काम कर चुकल बा. अबही ऊ लोग आरएसएस बिल्डिंग में वॉच टावर तइयार कर रहल बा. “यही तो अयोध्या है (इहे त अयोध्या बा)! हिंदू आउर मुसलमान लोग मिल के शांति से संगे-संगे रहेला.”

न्यू स्टाइल इंजीनियरिंग दोकान ओह लोग के घर के सामने के हिस्सा में बनल बा. समझ से परे बा कि जवन दक्षिणपंथी संगठन, ओह लोग जइसन मुस्लिम के निशाना बनावेला, ओह लोग से कुरैशी परिवार सुरक्षित बा. जमाल बतइलन, “मुस्किल तब सुरु होखेला, जब बाहरी आदमी आके कवनो टंटा खड़ा करेला.”

कुरैशी परिवार सांप्रदायिक तनाव के खतरा से भली-भांति परिचित बा, खास करके एह चुनावी साल में. “हमनी के सामना अइसन खतरनाक हालात से कइएक बेरा हो चुकल बा. हमनी जानत बानी कि ई सभ राजनीति के खेला बा. ई खेला दिल्ली आउर लखनऊ में कुरसी (राजनीतिक सीट) खातिर खेलल जा रहल बा. एह सभ से हमनी के आपसी लगाव आ भाईचारा खत्म होखे वाला नइखे,” कुरैशी टनाटन आवाज में कहले.

सैनी के पता बा कि हिंदू होखे के चलते ऊ ओह लोग के दंगाई भीड़ से तनी देर ला बचा लीहन. जइसन कि 1992 के दिसंबर में भइल रहे. ओह घरिया गोस्साइल भीड़ उनकर घर छोड़के, कुरैशी के घर पर हमला कइले रहे. “पड़ोसी के घर पर हमला होई, त ओकरा से हमनियो के मुस्किल होई. बगल के घर में आग लागी, त ओकर लपट हमनियो के घर ले आई नू,” सैनी कहलन. अइसन स्थिति में, “हमनी आग बुझावे खातिर चार बाल्टी पानी लेके जरूर दउड़म.” ऊ कुरैशी परिवार से आपन लगाव के बात करत रहस. “हमनी जानत बानी, हमनी एक-दोसरा खातिर बानी.”

गुड़िया कहली, “हमनी बहुते प्रेम आ स्नेह से एक-दोसरा संगे रहिले.”

अनुवादक: स्वर्ण कांता

Shweta Desai

Shweta Desai is an independent journalist and researcher based in Mumbai.

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Editor : Priti David

Priti David is the Executive Editor of PARI. She writes on forests, Adivasis and livelihoods. Priti also leads the Education section of PARI and works with schools and colleges to bring rural issues into the classroom and curriculum.

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Translator : Swarn Kanta

Swarn Kanta is a journalist, editor, tech blogger, content writer, translator, linguist and activist.

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