“गर्मियों में
मैं वासुदेव हूं और सर्दियों में एक किसान,”
लगभग 70 वर्षीय बिवा
महादेव गाले ने कहा। वासुदेव समुदाय के लोग भगवान कृष्ण की उपासना करते हैं और भिक्षा के लिए
घर-घर जाकर लोक भक्ति गीत गाते हैं।
बिवा गाले नासिक जिले के पेठ तालुका के रायतले
गांव से 20-21 फरवरी को नासिक शहर
में होने वाली किसान रैली में भाग लेने आए था। वासुदेव के रूप में – जो कि उनके
परिवार का पारंपरिक पेशा है – वे पेठ तालुका के कई गांवों में जाते हैं। और सितंबर
से फरवरी तक वह अपने गांव में एक किसान के रूप में काम करते हैं।
कई किसान पिछले हफ्ते की रैली में अपने
पारंपरिक वाद्य यंत्र साथ लेकर आए थे। यह विरोध प्रदर्शन, जो 20 फरवरी को शुरू हुआ था, 21 फरवरी की रात को तब समाप्त कर दिया गया, जब सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा
करने के लिए सहमति व्यक्त की और उन्हें एक लिखित आश्वासन दिया।