गौरक्षकों के आतंक से नष्ट होती ग्रामीण अर्थव्यवस्था
साल 2014 के बाद से भारत के अलग-अलग हिस्सों में बड़ी तेज़ी से गौरक्षकों की संख्या बढ़ी है. गायें ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ज़रूरी हिस्सा हैं, ऐसे में मवेशी ट्रक चालकों पर हमलों का किसानों और व्यापारियों पर काफ़ी बुरा असर पड़ा है. पारी ने महाराष्ट्र के पुणे और सतारा ज़िलों से ऐसी ही घटनाओं पर यह रिपोर्ट तैयार की है
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
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PARI Desk
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Ajay Sharma
अजय शर्मा एक स्वतंत्र लेखक, संपादक, मीडिया प्रोड्यूसर और अनुवादक हैं.