एक-वीरान-पुस्तकालय

Idukki, Kerala

Aug 22, 2016

जंगल के वीराने में फलता-फूलता एक पुस्तकालय

क़रीब 73 साल की आयु मेंं पी. वी. चिन्नतंबी केरल के इडुक्की ज़िले के घने जंगल के बीच एक एकाकी पुस्तकालय चलाते हैं. कालजयी रचनाओं से सुसज्जित 160 पुस्तकों वाली इस लाइब्रेरी से ग़रीब मुथावन आदिवासी नियमित तौर पर किताबें ले जाते हैं, पढ़ते हैं, और वापस कर जाते हैं

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं. वह दशकों से ग्रामीण भारत की समस्याओं की रिपोर्टिंग करते रहे हैं और उन्होंने ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ तथा 'द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम' नामक किताबें भी लिखी हैं.

Translator

Siddharth Chakrabarti

सिद्धार्थ चक्रबर्ती, उत्तर प्रदेश के बाहर स्थित एक स्वतंत्र अनुवादक हैं, और सोशल साइंस, ह्यूमैनिटीज़ और साइंटिफ़िक अनुवाद में रुचि रखते हैं।