काम-ही-काम-महिलाएं-गुमनामः-ऑनलाइन-फ़ोटो-प्रदर्शनी

Mumbai, Maharashtra

Sep 05, 2018

काम ही काम, महिलाएं गुमनामः ऑनलाइन फ़ोटो प्रदर्शनी

‘काम ही काम, महिलाएं गुमनाम’ शायद इस तरह की पहली, पूरी तरह से डिजिटाइज़्ड और क्यूरेट की गई ऑनलाइन फ़ोटो प्रदर्शनी है, जिसे भौतिक प्रदर्शनियों के अलावा, रचनात्मकता के साथ ऑनलाइन भी पेश किया गया है

Translator

Qamar Siddique

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं. वह दशकों से ग्रामीण भारत की समस्याओं की रिपोर्टिंग करते रहे हैं और उन्होंने ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ तथा 'द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम' नामक किताबें भी लिखी हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।