चेन्नई-का-फूल-बाज़ार-जहां-की-सुबहें-आज-भी-चहल-पहल-से-रौशन-हैं

Chennai, Tamil Nadu

Mar 19, 2022

चेन्नई का फूल बाज़ार: जहां की सुबहें आज भी चहल-पहल से रौशन हैं

हलचल से भरे चेन्नई के रंगीन फूलों के बाज़ार, जिसे स्थानीय भाषा में पूक्कड़ई कहा जाता है, में प्रदेश भर से ऐसे प्रवासी मज़दूर काम की तलाश में आते हैं जब उनके गांवों में खेती से कमाई होनी बंद हो जाती है

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Author

Aparna Karthikeyan

अपर्णा कार्तिकेयन एक स्वतंत्र पत्रकार, लेखक, और पारी की सीनियर फ़ेलो हैं. उनकी नॉन-फिक्शन श्रेणी की किताब 'नाइन रुपीज़ एन आवर', तमिलनाडु में लुप्त होती आजीविकाओं का दस्तावेज़ है. उन्होंने बच्चों के लिए पांच किताबें लिखी हैं. अपर्णा, चेन्नई में परिवार और अपने कुत्तों के साथ रहती हैं.

Translator

Satyam Sharma

सत्यम शर्मा, एक कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस प्रोफ़ेशनल हैं और उन्हें पेड़-पौधे उगाने व कुकिंग में दिलचस्पी है. हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषाओं के प्रति प्रेम के चलते उन्हें अनुवाद करना पसंद है.