महामारी के बीच एक देश ने भुला दिया अपने श्रमिकों को
पारी लाइब्रेरी हमें उन रपटों का ठिकाना बताती है जिनमें यह सामने आता है कि कोविड-19 महामारी ने किस तरह देश के मज़दूरों की हालत बद से बदतर कर दी है, वहीं दूसरी तरफ़ अमीरों का ख़ज़ाना बड़ा होता जा रहा है
दीपांजलि सिंह, स्वदेशा शर्मा और सिद्धिता सोनावने की भागीदारी वाली पारी लाइब्रेरी टीम, आम अवाम के रोज़मर्रा के जीवन पर केंद्रित पारी के आर्काइव से जुड़े प्रासंगिक दस्तावेज़ों और रपटों को प्रकाशित करती है.
Translator
Amit Kumar Jha
अमित कुमार झा एक अनुवादक हैं, और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की है.
Author
Swadesha Sharma
स्वदेशा शर्मा, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में रिसर्चर और कॉन्टेंट एडिटर के रूप में कार्यरत हैं. वह स्वयंसेवकों के साथ मिलकर पारी लाइब्रेरी पर प्रकाशन के लिए संसाधनों का चयन करती हैं.