in-punjab-green-revolution-red-harvest-hi

Sangrur, Punjab

Oct 01, 2025

पंजाब: अक्षमता से जूझते बुज़ुर्ग किसानों का दुख कौन सुनेगा?

खेती-बाड़ी की मशीनों से होने वाले हादसों से उत्पन्न शारीरिक अक्षमता पंजाब के ग्रामीण इलाक़ों में आम है, लेकिन जीवन सांस लेने का मौक़ा नहीं देता. एक अक्टूबर का दिन संयुक्त राष्ट्र का अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस है. इस अवसर पर बुढ़ापे और विकलांगता पर एक रपट

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Vishav Bharti

विशव भारती, पारी के सीनियर फ़ेलो हैं और पिछले दो दशकों से पंजाब के कृषि संकट व प्रतिरोध आंदोलनों को कवर कर रहे हैं.

Editor

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं. वह दशकों से ग्रामीण भारत की समस्याओं की रिपोर्टिंग करते रहे हैं और उन्होंने ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ तथा 'द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम' नामक किताबें भी लिखी हैं.

Photo Editor

Binaifer Bharucha

बिनाइफ़र भरूचा, मुंबई की फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र हैं, और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर फ़ोटो एडिटर काम करती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.