অশীতিপৰ চেৰিং দৰ্জী ভুটিয়াই পাঁচটা দশক ধৰি হাতেৰে ধনু সাজি আহিছে। পেচাত এগৰাকী বাঢ়ৈ দৰ্জীয়ে কাঠৰ আচবাব মেৰামতি কৰি জীৱিকা নিৰ্বাহ কৰে যদিও তেওঁৰ মাতৃভূমি চিক্কিমৰ সংস্কৃতিৰ অভিন্ন অংগ ধনুৰ্বিদ্যাৰ পৰাহে তেওঁ প্ৰেৰণা লাভ কৰে।

স্থানীয় লোকে কয় যে চিক্কিমৰ পাকয়ং জিলাত এসময়ত বহুত ধনু-কাঁড় নিৰ্মাতা আছিল, কিন্তু এতিয়া চেৰিঙেই ৰৈছেগৈ। তেওঁ বাঁহেৰে ধনু সাজে আৰু বৌদ্ধ ধৰ্মালম্বীসকলৰ লচুং উৎসৱত সেয়া বিক্ৰী কৰে।

তেওঁ বিষয়ে এইটো ষ্ট’ৰি পঢ়িব পাৰে: পাকয়ঙৰ ধনু আৰু অশীতিপৰ চেৰিঙৰ চেনেহৰ শ্ৰম

ভিডিঅ চাওক : ধনু সাজি ভাল পোৱা চেৰিং ভুটিয়া

অনুবাদ: পংকজ দাস

Jigyasa Mishra

जिज्ञासा मिश्रा, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले की एक स्वतंत्र पत्रकार हैं.

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Video Editor : Urja

ऊर्जा, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में 'सीनियर असिस्टेंट एडिटर - वीडियो' के तौर पर काम करती हैं. डाक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर के रूप में वह शिल्पकलाओं, आजीविका और पर्यावरण से जुड़े मसलों पर काम करने में दिलचस्पी रखती हैं. वह पारी की सोशल मीडिया टीम के साथ भी काम करती हैं.

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Text Editor : Vishaka George

विशाखा जॉर्ज, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया की सीनियर एडिटर हैं. वह आजीविका और पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर लिखती हैं. इसके अलावा, विशाखा पारी की सोशल मीडिया हेड हैं और पारी एजुकेशन टीम के साथ मिलकर पारी की कहानियों को कक्षाओं में पढ़ाई का हिस्सा बनाने और छात्रों को तमाम मुद्दों पर लिखने में मदद करती है.

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Translator : Pankaj Das

पंकज दास, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए असमिया भाषा के ट्रांसलेशंस एडिटर के तौर पर काम करते हैं. गुवाहाटी में रहने वाले पंकज लोकलाइज़ेशन एक्सपर्ट की भूमिका में यूनिसेफ़ के लिए भी कार्यरत हैं. वह नियमित तौर पर idiomabridge.blogspot.com पर ब्लॉग भी लिखते हैं.

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