भरतनाट्यम
- काली नवरसम (नौ भाव) परफ़ॉर्म कर रहे हैं
शृंगारम
- प्रेम
हास्यम
- हास्य/विनोद
करुणा
- दया
रौद्रम
- ग़ुस्सा
वीरम
- वीरता
भयानकम
- डर
बिभत्सम
- घृणा
अद्भुतम
- विस्मय
शांतम
- शांति
अनुवाद: नेहा कुलश्रेष्ठ
भरतनाट्यम
- काली नवरसम (नौ भाव) परफ़ॉर्म कर रहे हैं
शृंगारम
- प्रेम
हास्यम
- हास्य/विनोद
करुणा
- दया
रौद्रम
- ग़ुस्सा
वीरम
- वीरता
भयानकम
- डर
बिभत्सम
- घृणा
अद्भुतम
- विस्मय
शांतम
- शांति
अनुवाद: नेहा कुलश्रेष्ठ
अपर्णा कार्तिकेयन एक स्वतंत्र पत्रकार, लेखक, और पारी की सीनियर फ़ेलो हैं. उनकी नॉन-फिक्शन श्रेणी की किताब 'नाइन रुपीज़ एन आवर', तमिलनाडु में लुप्त होती आजीविकाओं का दस्तावेज़ है. उन्होंने बच्चों के लिए पांच किताबें लिखी हैं. अपर्णा, चेन्नई में परिवार और अपने कुत्तों के साथ रहती हैं.
की अन्य स्टोरी अपर्णा कार्तिकेयननेहा कुलश्रेष्ठ, जर्मनी के गॉटिंगन विश्वविद्यालय से भाषा विज्ञान (लिंग्विस्टिक्स) में पीएचडी कर रही हैं. उनके शोध का विषय है भारतीय सांकेतिक भाषा, जो भारत के बधिर समुदाय की भाषा है. उन्होंने साल 2016-2017 में पीपल्स लिंग्विस्टिक्स सर्वे ऑफ़ इंडिया के द्वारा निकाली गई किताबों की शृंखला में से एक, भारत की सांकेतिक भाषा(एं) का अंग्रेज़ी से हिंदी में सह-अनुवाद भी किया है.
की अन्य स्टोरी Neha Kulshreshtha