अक्टूबर 2022 के संझा, बेल्लारी के वड्डू गांव के समाजिक भवन मं एक झिन दुब्बर, डोकरी सियान माईलोगन ह सुस्तावत हवय, ओकर पीठ ह खंभा ले ओधाय हवय अऊ दूनो गोड़ ला पसारे हवय. संदूर तालुका के पहाड़ी रद्दा मं 9 कोस (28 किलोमीटर) रेंगत आय सेती वो ह थक गे हवय. वो ला दूसर दिन अऊ 14 कोस (42 किलोमीटर) रेंगे ला हवय.

संदुर के सुशीलनगर गांव के खदान कार्यकर्ता हनुमक्का रंगन्ना, बेल्लारी जिला गनी कर्मचारी संघ (बेल्लारी जिला खान श्रमिक संगठन) डहर ले आयोजित दू दिन के पदयात्रा मं हवंय. प्रदर्सनकारी उत्तर कर्नाटक मं बेल्लारी (जेन ला बल्लारी घलो कहे जाथे) मं उपायुक्त दफ्तर मं अपन मांग ला रखे 23 कोस (70 किलोमीटर) पइदल चलत हवंय. बीते 10 बछर मं ये ह सोलह बेर आय जब वो मन भरपूर मुआवजा अऊ जीविका के जरिया ला ले के दीगर खदान मजूर मन के संग सड़क मं उतरे हवंय.

वो ह बेल्लारी के तऊन माई मजूर मन ले एक झिन आंय जेन ला 1990 के दसक के आखिर मं काम ले निकार दे गे रहिस. “मान लेव के मंय ये बखत 65 बछर के हवंव. मोला नऊकरी ले निकारे 15 बछर ले जियादा होगे हवय,” वो ह कहिथे. “पइसा (मुआवजा) ला अगोरत कतको लोगन मन मर गीन... इहाँ तक ले मोर घरवाला घलो गुजर गे.”

वो ह कहिथे. “हमन, सराप परे जिनगी जींयत हवन. हमन नई जानत हवन के ये सराप परे लोगन मन ला ये (मुआवजा) मिलही धन हमन घलो येकर बिन मर जाबो. हमन विरोध करे ला आय हवन, जिहां बइठका होथे, मंय वो मं सामिल होथों. हमन बिचार करेन के चलो ये ला आखिरी बेर आजमा लेबो.”

Left: Women mine workers join the 70 kilometre-protest march organised in October 2022 from Sandur to Bellary, demanding compensation and rehabilitation.
PHOTO • S. Senthalir
Right: Nearly 25,000 mine workers were retrenched in 2011 after the Supreme Court ordered a blanket ban on iron ore mining in Bellary
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डेरी: मुआवजा अऊ पुनर्वास के मांग लेके अक्टूबर 2022 मं संदूर ले बेल्लारी तक ले आयोजित 23 कोस (70 किलोमीटर) के विरोध प्रदर्सन मं खदान के माई मजूर कार्यकर्ता सामिल होइन. जउनि: सुप्रीम कोर्ट के बेल्लारी मं लौह अयस्क खोदे मं पूरा रोक लगाय के आदेश के बाद 2011 मं करीबन 25,000 खदान मजूर मन के छंटनी करे गे रहिस

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कर्नाटक के बेल्लारी, होस्पेट अऊ संदुर इलाका मं लौह अयस्क खोदे ह 1800 के दसक ले सुरू होथे जब अंगरेज सरकार ह छोटे स्तर मं खोदे ला सुरु करे रहिन. अजादी के बाद, भारत सरकार अऊ गिनती के निजी खदान मालिक मन 1953 मं लौह अयस्क निकारे ला सुरू करिन; बेल्लारी डिस्ट्रिक्ट माइन ओनर्स एसोसिएशन ला ऊही बछर 42 सदस्य मन के संग बनाय गे रहिस. चालीस बछर बीते, 1993 के राष्ट्रीय खनिज नीति ह खदान के काम मं भारी बदलाव करिस, प्रत्यक्ष विदेसी निवेश ला बलाय गीस अऊ जियादा निजी निवेशक मन ला लौह अयस्क के खदान मं पइसा लगाय नेवते गीस अऊ उत्पादन ला उदार बनाय गीस. भारी पइमाना मं बनेच अकन मसीन लगाय के संगे संग बेल्लारी मं निजी खदान कंपनी आ गीन. जइसने-जइसने लोगन के हाथ के काम ला मसीन मन लेगे ला सुरु करिन, वइसने-वइसने माई मजूर के हाथ के काम-अयस्क पथरा ला खोदे, काटे, चुरा बनाय अऊ छाने ह, जल्दी खतम होगे.

वइसे ये बदलाव के पहिली खदान मन मं काम करेइय्या माई लोगन मन के सही आंकड़ा के कऊनो रिकार्ड नई ये, फेर इहाँ के लोगन मन मं ये समान्य जाने के बात आय के हरेक दू झिन मरद मजूर सेती कम से कम चार झिन माई मजूर मिहनत करत रहिन. “ मसीन मन आ गीन अऊ हमर बर कऊनो बूता नई बांचिस. मसीन ह हमर बूता ला करे सुरु कर दीस (जइसने) पथरा फोड़े अऊ वो ला लादे के काम.” हनुमक्का सुरता करथें.

“खदान मालिक मन हमन ला अब खदान मं नई आय ला कहे हवंय. लक्ष्मी नारायण माइनिंग कंपनी (एलएमसी) ह हमन ला कुछु नई दीस,” वो ह कहिथे. “हमन भारी मिहनत करेन, फेर हमर पइसा नई देय  गीस.” ओकर जिनगी मं एक ठन अऊ महत्तम घटना होईस: ओकर चऊथा लइका के जनम.

साल 2003 मं,निजी मालिकाना हक वाले एलएमसी मं अपन बूता गंवाय के बाद, राज सरकार ह 11, 620 वर्ग किलोमीटर जमीन ला आरक्षित कर दीस –तब तक ले राज के मशीनरी मन खदान सेती खास करके चिन्हारी करे - निजी खदान सेती. ये ह चीन मं अयस्क के लेवाली मं भारी बढ़ोत्तरी के संग, ये कारोबार मं तेजी ले बढ़ोत्तरी होईस. 2010 तक, बेल्लारी ले लौह अयस्क के निर्यात 2006 मं 2.15 करोड़ मीट्रिक टन ले 585 फीसदी बाढ़के 12.57 करोड़ मीट्रिक टन हो गे रहिस. कर्नाटक लोकायुक्त (राज्य-स्तरीय प्राधिकरण जेन ह कुशासन अऊ भ्रष्टाचार के जाँच करथे) के एक ठन रिपोर्ट बताथे के 2011 तक जिला मं करीब 160 खदान रहिस, जेन मं करीबन 25, 000 मजूर काम करत रहिन, ये मं जियादातर मरद रहिन. वइसे, अनुमान हवय के 1.5 ले 2 लाख करमचारी कतको किसिम के काम जइसे स्पंज आयरन निर्मान, स्टील मिल,  ढूलाई अऊ वजनी गाड़ी के कारोबार ले जुरे रहिन.

A view of an iron ore mining in Ramgad in Sandur
PHOTO • S. Senthalir
A view of an iron ore mining in Ramgad in Sandur
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संदूर के रामगढ़ मं लौह अयस्क खनन के एक नजारा

उत्पादन अऊ काम भारी बढ़े के बाद घलो हनुमक्का समेत बने अकन माई मजूर मन ला कभू खदान मं फिर ले काम मं नई रखे गीस. नऊकरी ले निकारे जाय के बाद घलो वो मन ला कुछु मुआवजा नई मिलिस.

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बेल्लारी मं खदान के करोबार मं तेजी ले बढ़ोत्तरी कंपनी मन के अंधाधुंध खोदाई सेती होईस, जऊन मन सब्बो नियम ला टोर दीन अऊ कहे जाथे के 2006 ले 2010 के मंझा मं सरकारी खजाना ला 16,085 करोड़ रूपिया के नुकसान होईस. खदान घोटाला के जाँच करे बर लोकायुक्त ला बलाय गे रहिस. वो ह अपन रिपोर्ट मं येला माने हवय के कतको कंपनी मन अवैध खुदाई मं सामिल रहिन: ये मं लक्ष्मी नारायण माइनिंग कंपनी सामिल रहिस जिहां हनुमक्का ह आखिरी बेर काम करे रहिस. लोकायुक्त रिपोर्ट के संज्ञान लेवत, सुप्रीम कोर्ट ह 2011 मं बेल्लारी मं लौह अयस्क खुदाई मं पूरा रोक लगाय के आदेश दीस.

फेर, बछर भर बाद, अदालत ह कुछेक खदान ला फिर ले सुरु करे के इजाजत दीस, जऊन मन कऊनो घलो नियम टोरत नई मिले रहिन. सुप्रीम कोर्ट डहर ले बनाय केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) के अनुशंसा के मुताबिक, अदालत ह खदान कंपनी मन ला कतको भाग मं रखिस: ‘ए’, कऊनो नियम नई टोरे धन नाम मात्र टोरे सेती; ‘बी’ कुछु नियम टोरे सेती अऊ ‘सी’, कतको नियम टोरे सेती. कम से कम नियम टोरेइय्या खदान मन ला 2012 के बाद ले एक-एक करके फिर ले खोले के इजाजत दे गीस. सीईसी अपन रिपोर्ट मं पुनर्ग्रहण अऊ पुनर्वास (आर एंड आर) योजना के उद्देश्य अऊ दिशा-निर्देश ला घलो तय करे हवय, जेन ह खदान ला फिर ले सुरु करे बर बनाय ला परही.

अवैध खदान घोटाला ह कर्नाटक मं वो बखत के भाजपा के अगुवई वाले सरकार ला गिरा दीस अऊ बेल्लारी मं प्राकृतिक संसाधन के भारी पइमाना मं दोहन डहर सब्बो धियान मं लाइस. करीबन 25, 000 खदान मजूर बिना कऊनो मुआवजा के काम ले निकार दे गीन. फेर ये बात ह कऊनो अख़बार मं नई छपिस.

निकारे गे मजूर मन मुआवजा अऊ रोजगार सेती दुवाब बनाय बर, बेल्लारी जिला गनी कर्मचारी संघ के गठन करिन. ये कर्मचारी मन के खराब हालत डहर सरकार के धियान लाय बर यूनियन ह  2014 मं रैली अऊ धरना देय ला सुरू करिस अऊ इहाँ तक के 23 दिन तक ले भूख हड़ताल घलो करिस.

Left: A large majority of mine workers, who were retrenched, were not re-employed even after the Supreme Court allowed reopening of mines in phases since 2012.
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Right: Bellary Zilla Gani Karmikara Sangha has been organising several rallies and dharnas to draw the attention of the government towards the plight of workers
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डेरी : 2012 के बाद ले एक-एक करके खदान खोले के सुप्रीम कोर्ट के इजाजत के बाद घलो बनेच अकन मजूर मन ला फिर ले काम मं नई लेगे गीस. जउनि: बेल्लारी जिला गनी कर्मचारी संघ मजूर मन के खराब हालत डहर सरकार के धियान लाय बर कतको रैली अऊ धरना करत हवय

Hanumakka Ranganna, who believes she is 65, is among the hundreds of women mine manual workers who lost their jobs in the late 1990s
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हनुमक्का रंगन्ना, जेकर मानना आय के वो ह 65 बछर के हवंय, अऊ तऊन सौ-सौ -माई मजूर मन मं सामिल हवंय, जेन मन के 1990 के दसक के आखिर मं वो मन के नऊकरी चले गे रहिस

खदान के असर वाले इलाका मं व्यापक पर्यावरण योजना नांव के एक ठन माई योजना मं ये मजूर मन ला सामिल करे के मांग उपर संघ घलो जोर देवत हवय. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश ले, बेल्लारी के खदान वाले इलाका मन मं स्वास्थ्य, शिक्षा, संचार अऊ परिवहन के बुनियादी ढांचा ऊपर केन्द्रित योजना ला चलाय बर निगरानी करे अऊ इलाका मं पर्यावरण तंत्र अऊ पर्यावरण बहाली सेती कर्नाटक खनन पर्यावरण बहाली निगम के स्थापना 2014 मं करे गे रहिस. कर्मचारी चाहत हवंय के मुआवजा अऊ पुनर्वास के वो मन के मांग ला ये योजना मं सामिल करे जाय. संघ के अध्यक्ष गोपी वाई. कहिथें के, वो ह सुप्रीम कोर्ट अऊ लेबर ट्रिब्यूनल मं घलो अरजी दायर करे हवंय.

मजूर मन के अइसने लामबंद होय के संग, हनुमक्का ला एक ठन अ इसने जगा मिल गे हवय जिहां वो ह माई मजूर मन के अनियाव ले भरे छंटनी के खिलाफ अवाज उठाय सेती अपन आप ला ताकत ले भरे मसूस करथे. वो ह मुआवजा अऊ पुनर्वास के मांग करत सुप्रीम कोर्ट मं एक ठन रिट याचिका दायर करे सेती (2,011 मं 25,000 कर्मचारी मेर ले) 4,000 मजूर मन के संग सामिल होय रहिस. “1992 ले 1995 तक ले, हमन अंगूठा निसान वाले रहेन. वो बखत, (मजूर मन सेती) बोले बर कऊनो घलो सबले आगू नई रहिन,” वो ह तऊन ताकत अऊ समर्थन के बारे मं कहत रहिस जेन ह अब मजूर संघ के हिस्सा होय ले मिलत हवय. हनुमक्का कहिथे, “मंय (संघ के) एको घलो बइठका ला नागा नई करे हवंव. हमन होस्पेट, बेल्लारी, हरेक जगा गे हन. सरकार ला वोला देना चाही जऊन ह हमर ऊपर बकाया हवय.”

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हनुमक्का ला सुरता नई ये के वो ह खदान मन मं कब ले बूता करे सुरु करिस. ओकर जनम राज सरकार मं अनुसूचित जनजाति के रूप में सूचीबद्ध वाल्मीकि समाज मं होय रहिस. बालपन मं ओकर घर सुशीलनगर मं रहिस, जेन ह लौह अयस्क के भंडार ले भरपूर कतको डोंगरी ले घिरे रहिस. वो ह ऊही करिस जेन ह कोनहा मं परे समाज के हरेक दूसर भूमिहीन मनखे मन करिन - वो ह खदान मं बूता करे ला सुरु कर दीस.

वो ह कहिथे, “मंय (खदान मं) तब ले बूता करे हवंव जब नानकन रहेंव. मंय कतको खदान कंपनी मं बूता करे हंव.” बनेच कम उमर मं वो ह डोंगरी-पहाड़ी मन ला चढ़े मं माहिर हो गे. जम्पर के मदद ले चट्टान मं छेदा करे (जऊन मं अयस्क होथे) अऊ वोला फोरे बर बारूद ले भर देवय; वो ह अयस्क पथरा खोदे सेती जरूरी सब्बो अऊजार ला चलाय मं भारी माहिर रहिस. “अवागा मशीनरी इल्ला मा (तब कऊनो मशीन नई रहिस)” वो ह सुरता करथे. “माई लोगन मं जोड़ा मं बूता करेंव. (धमाका के बाद) जिहां एक झिन फूटे अयस्क पथरा के टुकड़ा ला खोदय, उहीं दूसर वोला नान नान टुकड़ा करत जाय. हमन ला पथरा ला तीन अलग अलग अकार मं फोरे ला रहय.” धुर्रा ला हटाय बर अयस्क के टुकड़ा ला छांटे के बाद, माईलोगन मन वो ला अपन मुड़ मं बोह के ले जावत रहिन अऊ वो ला ट्रक मन मं लाद देत रहिन. “हमन भारी मिहनत करे हवन. कऊनो घलो हमर जइसने मिहनत नई करय जइसने हमन करे हवन.”

वो ह कहिथे, “मोर घरवाला दरुहा रहिस; मोला पांच बेटी ला पाले पोसे ला रहिस. वो बखत, मंय हरेक टन (अयस्क पथरा) फोरे मं 50 पइसा कमायेंव. हमन खाय बर जूझेन. हरेक ला खाय बर आधा रोटी मिलत रहिस. हमन जंगल ले साग संकेलन, नून के संग पीस के रोटी संग खाय बर नान नान लोंदा बना लेवन. कभू-कभू हमन गोलंदा भटा बिसोवन, लकरी मं भुन के, छिलका उतार के नून डारन. हमन उही ला खावन, पानी पीके सुत जावन...अइसनेच रहत रहेन.” शौचालय, पिये के पानी धन बिन सुरच्छा समान के बूता करत, हनुमक्का मुस्किल ले खाय के भर कमा पावत रहिस.

At least 4,000-odd mine workers have filed a writ-petition before the Supreme Court, demanding compensation and rehabilitation
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कम से कम 4,000 खदान मजूर मन मुआवजा अऊ पुनर्वास के मांग ला लेके सुप्रीम कोर्ट मं अरजी लगाय हवंय

Hanumakka Ranganna (second from left) and Hampakka Bheemappa (third from left) along with other women mine workers all set to continue the protest march, after they had stopped at Vaddu village in Sandur to rest
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हनुमक्का रंगन्ना (डेरी ले दूसरा) अऊ हंपक्का भीमप्पा (डेरी ले तीसरा) दीगर खदान के माई मजूर मन के संग विरोध प्रदर्सन चलत रहे सेती तियार हवंय, वो मन सुस्ताय सेती संदूर के वड्डू गांव मं रुके रहिन

हंपक्का भीमप्पा, ये गाँव के एक झिन दीगर खदान मजूर ह अपन भारी मिहनत अऊ अभाव के अइसनेच अपन कहिनी ला बताथे. एक ठन अनुसूचित जाति समाज मं जन्मे, एक ठन भूमिहीन मजूर के लइका के बिहाव बालपन मं होगे रहिस. वो ह कहिथे, “मोला सुरता नई ये के जब मोर बिहाव होय रहिस तब मोर उमर कतका रहिस. मंय तब ले बूता करे सुरु करेंव जब मंय लइका रहेंव – मोला जवानी कभू नई मिलिस. मंय एक टन अयस्क पथरा फोरे मं एक दिन मं 75 पइसा कमावत रहेंव. हफ्ता भरा बुता करे के बाद हमन ला सात रूपिया घलो नई मिलत रहिस. मंय रोवत घर आवंव काबर वो मन मोला बहुते कम मजूरी देय रहिन.”

पांच बछर तक ले 75 पइसा रोजी कमाय का बाद, हम्पक्का के 75 पइसा बढ़ाय गीस. अवेइय्या चार बछर तक ले वो ह डेढ़ रूपिया मं बूता करिस, येकर पहिली ओकर मजूरी 50 पइसा बढ़ाय गे रहिस. वो ह कहिथे, “मंय 10 बछर तक ले (हरेक दिन, एक टन अयस्क पथरा फोरे) रोजी 2 रूपिया कमावत रहेंव.  मंय करजा के कंतर हरेक हफ्ता डेढ़ रूपिया चुकवत रहेंव, अऊ 10 रूपिया धरके बजार जावत रहेंव... हमन नुचु (कनकी) बिसोवन काबर ये ह सस्ता परत रहिस.”

येकर बाद, वो ह बिचार करिस जियादा कमाय के सबले बढ़िया तरीका भारी मिहनत हवय. वो ह बिहनिया 4 बजे ले उठ जावय, रांधय अऊ वोला धरके बिहनिया 6 बजे तक ले घर ले सड़क तीर आ जावय अऊ खदान जवेइय्या ट्रक ला अगोरत रहय. जल्दी जाय के ये मतलब ये रहिस के वो एक टन अयस्क पथरा ऊपरहा फोर सकत रहिस. “हमर गाँव ले कऊनो बस नई रहिस. हमन ट्रक ड्राइवर ला 10 पइसा देवत रहेन; बाद मं ये ह बढ़के 50 पइसा होगे.”

घर लहूंटे घलो असान नई रहिस. बनेच संझा, वो ह चार पांच दीगर मजूर मन के संग अयस्क पथरा लदाय ट्रक मं चढ़ जावत रहिस. “कभू-कभू जब ट्रक भारी मोड़ ले गुजरे त हमर तीन-चार झिन सड़क मं गिर जावंय. फेर हमन ला कभू दरद मसूस नई होईस. हमन फिर ऊही ट्रक मं लहूंट जावन,” वो ह सुरता करत कहिथे. येकर बाद घलो, तऊन ऊपरहा अयस्क पथरा फोरे के मिहनत के दाम कभू नई मिलिस. वो ह कहिथे, “गर हमन तीन टन फोर लेवन, त हमन ला सिरिफ दू टन के मजूरी दे जावत रहिस. हमन कुछु कहे धन पूछे नई सकत रहेन.”

Mine workers stop for breakfast in Sandur on the second day of the two-day padayatra from Sandur to Bellary
PHOTO • S. Senthalir
Mine workers stop for breakfast in Sandur on the second day of the two-day padayatra from Sandur to Bellary
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संदूर ले बेल्लारी तक के दू दिन के पदयात्रा के दूसर दिन संदूर मं कलेवा सेती रुके खदान मजूर

Left: Hanumakka (centre) sharing a light moment with her friends during the protest march.
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Right: Hampakka (left) along with other women mine workers in Sandur
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डेरी: हनुमक्का (मंझामं) विरोध प्रदर्सन बखत अपन संगवारी मन के संग हँसी ठीठोली करत. जउनि : हंपक्का (डेरी) संदुर मं दीगर खदान माई मजूर मन के संग

अक्सर, अयस्क पथरा चोरी हो जावत रहिस अऊ मिस्त्री (सरदार) चुकारा करे ले मना कर देवय. “हफ्ता मं तिन धन चार बेर हमन इहाँ आके (अयस्क पथरा के निगरानी करे) रहत रहन, आगि बार के भूईंय्या मं सुतन. पथरा (अयस्क) ला चोर मन ले बचा के रखे अऊ चुकारा पाय सेती हमन ला अइसने करे ला परे.”

खदान मं हरेक दिन 16 ले 18 घंटा बूता करे के मतलब रहिस मजूर मन अपन जरूरी साफ-सफई मजबूर होके करे नई सकंय. हंपक्का कहिथे, “हमन हफ्ता मं एक घाओ तब नुहावत रहेन, जऊन दिन हमन बजार जावत रहेन.

1998 मं छंटनी के बखत, ये माई खदान मजूर हरेक टन पाछू 15 रूपिया कमावत रहिन. एक दिन मं, वो मन पांच टन अयस्क पथरा लादत रहिन, जेकर मतलब आय के वो एक दिन मं 75 रूपिया घर ले जावत रहिन. जब वो मन अयस्क के बड़े टुकड़ा ला फोरतरहिन, त वो मन रोज के 100 रूपिया कमावत रहिन.

जब हनुमक्का अऊ हंपम्मा के खदान के बूता चले गे, त वो मन अपन गुजर-बसर सेती खेती के बूता करे ला सुरु कर दीन. “हमन ला सिरिफ कुली (बनिहारिन) के बूता मिले हवय. हमन निंदई-गुड़ई, जोंधरा टोरे जावन. हमन पांच रूपिया रोजी मं बूता करे हवन. अब वो मन (जमीन मालिक) हमन ला 200 रूपिया रोजी देथें.” हनुमक्का कहिथे, अब वो ह रोज के खेत मं बूता करे नई जावय; ओकर बेटी मन ओकर देखरेख करथें. हंपम्मा घलो जब ले ओकर बेटा मन देखभाल करत हवंय वो ह बनिहारी के बूता ला छोड़ दे हवय.

हनुमक्का कहिथे, “वो पथरा मन (अयस्क) ला फोरे सेती हमन अपन खून-पछीना बोहाय हवन अऊ अपन जवानी के भेंट चढ़ा दे हवन. फेर वो मन (खदान कंपनी) हमन ला छिलका जइसने फेंक दीन.

अनुवाद: निर्मल कुमार साहू

S. Senthalir

एस. सेंतलिर, पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर सहायक संपादक कार्यरत हैं, और साल 2020 में पारी फ़ेलो रह चुकी हैं. वह लैंगिक, जातीय और श्रम से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर लिखती रही हैं. इसके अलावा, सेंतलिर यूनिवर्सिटी ऑफ़ वेस्टमिंस्टर में शेवनिंग साउथ एशिया जर्नलिज्म प्रोग्राम के तहत साल 2023 की फ़ेलो हैं.

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संगीता मेनन, मुंबई स्थित लेखक, संपादक और कम्युनिकेशन कंसल्टेंट हैं.

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Nirmal Kumar Sahu has been associated with journalism for 26 years. He has been a part of the leading and prestigious newspapers of Raipur, Chhattisgarh as an editor. He also has experience of writing-translation in Hindi and Chhattisgarhi, and was the editor of OTV's Hindi digital portal Desh TV for 2 years. He has done his MA in Hindi linguistics, M. Phil, PhD and PG diploma in translation. Currently, Nirmal Kumar Sahu is the Editor-in-Chief of DeshDigital News portal Contact: [email protected]

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