ये कड़ी ह भारत भर ले हवय, जेन ह गांव देहात के माईलोगन मन के प्रजनन अऊ यौन सेहत के बड़े दायरा ला शामिल करे हवय. येकर कतको कहिनी बांझपन, माइलोगन मन के जबरदस्ती नसबंदी, परिवार नियोजन मं मरद मन के हिस्सेदारी के कमी अऊ गाँव देहात मं इलाज के भरपूर सुविधा नई मिले ऊपर बात करथे, जेन ह कतको लोगन मन ला मिले नई सकत हवय. येकर बाद वो मन घलो हवंय जेन मं झोलाछाप डॉक्टर अऊ खतरा ले भरे जचकी, महवारी ला लेके छूवाछुत, बेटा के साध- अऊ घलो बनेच मुद्दा शामिल हवय.
फेर, येकर कतको कहिनी रोज के जिनगी के लड़ई के रपट आंय, उहिंचे कुछु अइसने घलो हवंय जऊन ह देश के गाँव-देहात के माईलोगन ला मिले कभू कभार के छोट-मोठ जीत के दस्तावेजीकरन करथें.
कड़ी के बारे मं अऊ जाने सेती तरी मं देय गेय वीडियो ला देख सकत हव अऊ जम्मो कड़ी ला पढ़ सकत हव .
पारी अऊ काउंटरमीडिया ट्रस्ट के तरफ ले भारत के गाँव देहात के किशोरी अऊ जवान माइलोगन मन ला धियान रखके करे ये रिपोर्टिंग ह राष्ट्रव्यापी प्रोजेक्ट ' पापुलेशन फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया ' डहर ले समर्थित पहल के हिस्सा आय जेकर ले आम मइनखे के बात अऊ ओकर अनुभव ले ये महत्तम फेर कोंटा मं राख देय गेय समाज का हालत के पता लग सकय.
अनुवाद: निर्मल कुमार साहू