महाबलीपुरम में, बंगाल की खाड़ी के तट पर, मछुआरे शनिवार की शाम को लगभग 4 बजे, समुद्र के काम को विराम देते हुए ताश खेल रहे हैं।

उनका दिन सूर्योदय से पहले शुरू होता है, जब वे समुद्र के लिए अपने घरों से निकलते हैं। वे कुछ घंटों तक (मौसम के आधार पर) मछली पकड़ते हैं, और आमतौर पर सुबह के समय ही किनारे पर लौटते हैं, जहां व्यापारी उनके द्वारा पकड़ी गई मछलियों की नीलामी करेंगे। उसके बाद ये मछुआरे अपने घर चले जाते हैं, भोजन करते हैं और थकान के कारण सो जाते हैं। बाद में, वे अपने कटे-फटे जाल को ठीक करने के लिए समुद्र तट पर लौटते हैं। दिन का काम जब पूरा हो जाता है, तो वे आराम करने के लिए बैठते हैं और ताश खेलते हैं।

हिंदी अनुवाद: मोहम्मद क़मर तबरेज़

Rahul M.

ராகுல் M. ஆந்திரப் பிரதேசம் அனந்தபூரிலிருந்து இயங்கும் சுதந்திர ஊடகவியலாளர்.

Other stories by Rahul M.
Translator : Qamar Siddique

கமார் சித்திக்கி, பாரியில் உருது மொழிபெயர்ப்பு ஆசிரியராக இருக்கிறார். அவர் தில்லியை சார்ந்த பத்திரிகையாளர் ஆவார்.

Other stories by Qamar Siddique