कमाठीपुरा की सेक्स वर्कर्स अपने बच्चों को इज़्ज़त की ज़िंदगी देने के लिए संघर्ष कर रही हैं. दुख की महामारी में फंसी इन महिलाओं की कहानी बयान करने वाली दो स्टोरी से प्रेरित होकर लिखी गई कविता
प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.
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Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।