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Kachchh, Gujarat

Nov 03, 2024

चलो संगी, हमन अपन बंदरगाह ला बचाबो रे भाई

कच्छ के एक झिन मछुआरा अपन संगवारी मन ला आगू बढ़े सेती एक ठन उछाह ले भरे गीत गाथे, वो मन सब्बो समंदर मं जाय के तियारी करत हवंय. कच्छ के लोकगीत मन के कड़ी मन ले एक ठन गीत

Series Curator

Pratishtha Pandya

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Jigyasa Mishra

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Series Curator

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पंड्या पारी मं वरिष्ठ संपादक हवंय, वो ह पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग के अगुवई करथें. वो ह वह पारी भाषा टीम के सदस्य घलो आंय अऊ गुजराती मं कहिनी मन के अनुवाद अऊ संपादन करथें. प्रतिष्ठा गुजराती अऊ अंगरेजी के कवयित्री आंय.

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Jigyasa Mishra

जिज्ञासा मिश्रा उत्तर प्रदेश के चित्रकूट मं बसे एक स्वतंत्र पत्रकार आंय.

Translator

Nirmal Kumar Sahu

निर्मल कुमार साहू 26 बछर ले पत्रकारिता ले जुड़े हंवय. छत्तीसगढ़ के राजधानी रइपुर के प्रमुख अख़बार मन मं सम्पादक रहिन्, हिंदी अऊ छत्तीसगढ़ी में लेखन-अनुवाद, ओटीवी के हिंदी डिजिटल पोर्टल देश टीवी में 2 बरस सम्पादक, हिंदी-भाषाविज्ञान में एम् ए, एम् फिल, पी-एच.डी, अनुवाद में पीजी डिप्लोमा हासिल कर चुके निर्मल कुमार साहू ये बखत देशडिजिटल के सम्पादक प्रमुख, संपर्क: [email protected]