ठेलू महतो, सायदे सबले जियादा उमर के जिंयन्ता स्वतंत्रता सेनानी मन ले एक झिन रहिन, जेकर जिकर मोर किताब ‘द लास्ट हीरोज’ मं होय हवय, वो ह बृहस्पत संझा के पश्चिम बंगाल के पुरलिया जिला के पिर्रा गाँव मं अपन देह ला तियाग  दीन. वो ह तऊन लोगन मन ले पहिली हवंय जऊन ह किताब छपे बखत जिंयत रहिन, ओकर बाद गुजर गीन. वो ह 1942 मं पुरलिया के 12 पुलिस थाना, जऊन ला बिसोर दे गे हवय, के खिलाफ मं प्रदर्सन करेइय्या बांहचे आखिरी लोगन मन ले रहिन. थेलु के उमर 103 ले105 के बीच रहिस.

ओकर गुजरे के बाद हमन अपन सोन कस पीढ़ी ला गंवाय के एक कदम अऊ नजिक हबर गे हवन, जऊन ह हमर अजादी सेती लड़ई लड़िस अऊ भारत ला अजाद देश बनाय मं अपन हिस्सेदारी दीन.पांच-छे बछर बाद एको घलो मइनखे जिंयत नई होही जऊन ह अजादी के लड़ई लड़े होय. देश के नवा पीढ़ी ला भारत के स्वतंत्रता सेनानी मन ला कभू देखे, गोठ-बात करे अऊ सुने के मऊका नई मिलही. सीधा ढंग ले कभू बताय नई जाही के वो मन कऊन रहिन, वो मन काकर सेती लड़ई लड़ीन अऊ अजादी सेती काबर लड़ई लड़ीन.

अऊ ठेलू महतो अऊ ओकर उमर भर संगवारी रहे लक्खि महतो अपन कहिनी सुनाय सेती भारी उछाह मं रहिन. दुख ये बात के हवय के जवान नव पीढ़ी ला पता चले के वो ह अपन देश के सेती आगू आइस अऊ अइसने करत वो ला गरब हवय. ठेलू अब ये दुनिया ला अपन कहिनी नई बताय सकेंय.न त अवेइय्या 5-6 बछर मं ओकर पीढ़ी के बांहचे लोगन मं बताय सकहीं.

अऊ येकर ले भारत के अवेइय्या जवान पीढ़ी ला काय नुकसान होही. हमर आज के पीढ़ी सेती ये ह पहिलीच ले कतक बड़े नुकसान आय, जऊन मन अतका कम जानथें अऊ हमर बखत के ठेलू महतो जइसने लोगन के बारे मं जाने के कऊनो संभावना नई ये, ओकर बलिदान, धन ओकर कहिनी मन हमन ला गढ़े बर काबर अतका महत्तम हवंय.

खास करके एक अइसने जुग मं जिहां भारत के अजादी के लड़ई के इतिहास ला दुबारा अतक लिखे नई जावत हवय जतक के गढ़े गे हवय, बनाय गे हवय अऊ जबरन थोपे गे हवय. सार्वजनिक गोठ-बात मं, कतको महत्तम मीडिया के लिखाय-बताय जिनिस मं, अऊ सबले भयंकर, हमर स्कूल के किताब मन मं जिहां मोहनदास करमचंद गांधी के हत्या ले जुरे महत्तम असलियत मन ला सरलग मिटाय जावत हवय.

Thelu Mahato's home in Pirra village of Puruliya district, West Bengal where he passed away on April 6, 2023. Thelu never called himself a Gandhian but lived like one for over a century, in simplicity, even austerity.
PHOTO • P. Sainath
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पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिला के पिर्रा गांव मं ठेलू महतो के घर, जिहां वो ह 6 अप्रैल, 2023 के गुजर गे. ठेलू ह कभू अपन आप ला गांधीवादी नईं कहिस, फेर ओकर सादगी, इहाँ तक ले तपस्या जइसने करत एक सदी ले जियादा बखत ले रहिन. जउनि: ठेलू महतो अऊ ओकर उमर भर के संगवारी लक्खि महतो ला अपन कहिनी बताय के साध रहिस

ठेलू महतो ह कभू अपन आप ला गाँधीवादी नई कहिन फेर एक सदी ले जियादा बखत तक ले गाँधीवादी जइसने जिंयत  रहिन. सादगी मं, तपस्या मं घलो. अजादी के लड़ई मं, वो ह तऊन लोगन मन ले एक रहिन, जऊन ह 29 अऊ 30 सितंबर, 1942 के दिन पुरुलिया के 12 पुलिस थाना मं प्रदर्सन करे रहिन. वो ह अपन आप ला एक झिन वामपंथी अऊ क्रांतिकारी के रूप मं देखिन, फेर अहिंसा के प्रन लीन, जब तक ले बेकरकसूर लोगन मन ला बचाय अऊ अपन रच्छा करे सेती दीगर काम करे बर भारी मजबूर नई करे गीस.

फेर काय तुमन तऊन पुलिस थाना मं होय हमला मं हिस्सा लेगे रहेव जऊन मं भारी मारकाट होय रहिस? मंय ओकर ले 2022 मं पिर्रा गाँव मं ओकर घर मं पूछे रहेंव. मारकाट अंगरेज मन के डहर ले होय रहिस, वो ह जुवाब देय रहिन. “वो मन के पुलिस ह भीड़ ऊपर अंधाधुंध गोली चलाइस...” जिहां वो मन तिरंगा झंडा फहराय ला गे रहिन. “तय रहिस के लोगन मं जुवाब दिहीं जब वो मन अपन मितान, परिवार धन संगवारी मन ला अपन आंखी के आगू पुलिस ला गोली मारत देखे होहीं.”

ठेलू महतो अऊ ओकर उमर भरके संगवारी लक्खि महतो के संग हमर गोठ बात रहिस,जेकर ले हमन ला ये समझ मं आ गीस के ओकर पीढ़ी के बिचार अऊ असर ला लेके कतक खुल्ला रहिन, येकर बाद घलो तऊन कतको असर ले ओकर चरित्र जटिल रहिस. ठेलू रहिन  (लक्खि अभू घलो हवंय) - जुनून अऊ राजनीति ले अडिग वामपंथी; नैतिक नियम अऊ जीवन शैली गाँधीवादी. प्रतिबद्धता अऊ अनुनय ले वामपंथी, व्यक्तित्व ले गांधीवादी. दू दसक ले कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य रहिन.

जऊन इलाका मं वो ह हमेशा रहत रहिन, उहाँ के स्तर मं ओकर अगुवा नेताजी सुभाष चंद्र बोस रहिन अऊ होना घलो रहिस. वो ह ठेलू अऊ लक्खि के सेती दुनिया रहिन. गाँधी, जऊन ला वो मं कभू देखे नई सकतिन, एक ठन बड़े अऊ अचंभा के  व्यक्तित्व रहिस. इहाँ के ओकर अगुवा मन मं तीन रॉबिन हुड किसिम के डाकू रहिन- बिपिन, दिगंबर अऊ पीतांबर सरदार. डाकू जऊन मन भंयकर जानलेवेइय्या हो सकत रहिन, गैर कानूनी घलो रहिन, जेकर मन करा जमींदार अऊ दीगर जुलुमी लोगन मन के खिलाफ नियाव सेती बनेच कम लोगन मन गेय होंही. ये मन के डकैती इतिहासकार एरिक हॉब्सबॉम के बताय कस रहिस, जेन ह निरदयी होय के संगे संग “आर्थिक अऊ समाजिक राजनीतिक बेवस्था ला” चुनौती देथे.

PHOTO • P. Sainath
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ठेलू अऊ लक्खि ह हमन ला दिखा दीन के ओकर पीढ़ी ह बिचार अऊ प्रभाव ला लेके कतक खुल्ला रहिन. ठेलू ह अपन आप ला एक ठन वामपंथी अऊ क्रांतिकारी के रूप में देखिन, अऊ अहिंसा के प्रन करिन

ठेलू अऊ  लक्खि ये दूनो हिस्सा मं कऊनो विरोध नई देखिन. डाकू मन बर वो मन के रवेइय्या घिन अऊ आदर के एक ठन अजीब मेल रहिस. वो मन ओकर मान करत रहिन फेर ओकर मारकाट के रद्दा मं चलत नई रहिन. अजादी के बाद दसों  साल तक ले, कतको जगा अऊ दीगर लड़ई मं राजनितिक रूप ले सक्रिय रहिन – गाँधीवादी जिनगी जियत अजाद वामपंथी के रूप मं.

ठेलू महतो कुर्मी रहिन – एक ठन समाज जेन हा जंगलमहल के बगावत वाले इलाका मं कतको मुसीबत मं रहिस. 1931 मं कुर्मी मन ला अंगरेज मन सजा दे रहिन अऊ वो मन के आदिवासी होय के हैसियत ला छीन लीन. फिर ले ये आदिवासी  हैसियत ला हासिल करे ओकर लक्ष्य बने हवय अऊ जऊन दिन ठेलू मरिस, तऊन दिन जंगलमहल मं चलत ये मुद्दा ला उठेइय्या आन्दोलन मं नवा अध्याय के सुरुवात माने गे.

वो ला कभू घलो स्वतंत्रता सेनानी के पेंशन नई मिलिस, न त ओकर अजादी के लड़ई मं ओकर भूमका ला मान्यता मिलिस. जब हमन आखिरी बखत भेंट होय रहें तब वो ह हजार रुपिया के वृद्धावस्था पेंशन ले गुजारा करत रहिन. एक ठन घर जेन ह टूटे फूटे टपरा छानी के एक ठन खोली रहिस. ओकर ले जियादा दूरिहा नई ये, एक ठन चुवां जऊन ला वो ह अपन हाथ ले बनाय रहिस जेकर ऊपर ओकर सबले जियादा नाज रहिस अऊ बगल मं फोटू खिंचवाय चाहत रहिन.

ठेलू के बनाय चुवां अब तक ले हवय, भारत के अजादी सेती लड़ेइय्या मन के सुरता के चुवां के पानी सरलग तरी मं गिरत जावत हवय.

तुमन पी. साईनाथ के किताब द लास्ट हीरोज: फुट सोल्जर्स ऑफ इंडियन फ्रीडम , पेंगुइन नवंबर 2022 मं ठेलू, लक्खि अऊ तऊन 14 दीगर स्वतंत्रता सेनानी मन के जम्मो कहिनी ला पढ़ सकत हव.

पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया (परी) के स्वतंत्रता सेनानी गैलरी मं वो मन के फोटो एलबम अऊ वीडियो देखव

ये लेख ह सबले पहिली द वायर मं छपे हवय

अनुवाद: निर्मल कुमार साहू

पी. साईनाथ पीपल्स अर्काईव्ह ऑफ रुरल इंडिया - पारीचे संस्थापक संपादक आहेत. गेली अनेक दशकं त्यांनी ग्रामीण वार्ताहर म्हणून काम केलं आहे. 'एव्हरीबडी लव्ज अ गुड ड्राउट' (दुष्काळ आवडे सर्वांना) आणि 'द लास्ट हीरोजः फूट सोल्जर्स ऑफ इंडियन फ्रीडम' (अखेरचे शिलेदार: भारतीय स्वातंत्र्यलढ्याचं पायदळ) ही दोन लोकप्रिय पुस्तकं त्यांनी लिहिली आहेत.

यांचे इतर लिखाण साइनाथ पी.
Translator : Nirmal Kumar Sahu

Nirmal Kumar Sahu has been associated with journalism for 26 years. He has been a part of the leading and prestigious newspapers of Raipur, Chhattisgarh as an editor. He also has experience of writing-translation in Hindi and Chhattisgarhi, and was the editor of OTV's Hindi digital portal Desh TV for 2 years. He has done his MA in Hindi linguistics, M. Phil, PhD and PG diploma in translation. Currently, Nirmal Kumar Sahu is the Editor-in-Chief of DeshDigital News portal Contact: [email protected]

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