सनई की रस्सी से बेहतर ज़िंदगी की उम्मीद बुनतीं पलामू की औरतें
जलवायु परिवर्तन के कारण झारखंड के पलामू ज़िले में खेतिहर उपज पर असर पड़ा है. इसके चलते बरांव गांव में मल्लाह समुदाय की फगुनी देवी और दूसरी महिलाएं कुछ अतिरिक्त पैसा कमाने के लिए सनई के रेशे से रस्सी बुन रही हैं
मूकांबिका वारमबल्ली, कर्नाटक में तुलुनाडु की इस संगीतमय नृत्य नाट्यकला की पहली पीढ़ी की महिला कलाकारों में से हैं. उनकी यात्रा से इस कला रूप में महिलाओं के नेतृत्व वाली मंडलियों के आगमन के बारे में पता चलता है
बिहार: आज़ादी के इतने साल बाद भी ज़मीन के हक़ से वंचित संताल आदिवासी
संताल आदिवासी आज भी बिहार में भूमि-अधिकारों के लिए वही लड़ाई लड़ रहे हैं जो उनके पूर्वजों ने सदियों पहले लड़ी थी. विडंबना है कि यह वही राज्य है जिसने स्वतंत्रता के बाद सबसे पहले भूमि सुधार क़ानून लागू किया था