यह गुजरात के कच्छ के रण के नमक के खेतों में हाड़-तोड़ मेहनत करने वाले मज़दूरों की कहानी है, जो वहां साल के सात महीने से अधिक समय - अक्टूबर से अप्रैल - तक रहते हैं
पारी फ़ोटोग्राफ़र और पत्रकार एम. पलनी कुमार अपनी ज़िंदगी में काम के दौरान मिले चप्पल-जूतों के बारे में लिखते हैं, जो अपने पहनने वाले की कहानियां बयान करते हैं
केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में महिलाएं माहवारी से निकलने वाले कचरे के सुरक्षित निपटान के लिए संघर्ष कर रही हैं. एक तरफ़ इस द्वीपीय क्षेत्र में जगह की कमी है, वहीं यहां पर कचरे के निपटान से जुड़े बुनियादी ढांचे का अभाव है. माहवारी स्वच्छता दिवस पर ये रिपोर्ट पढ़िए
दो साल पहले, 19 अप्रैल 2021 को सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि गोडावण पक्षियों के प्राकृतिक आवास से गुज़रने वाले हाईटेंशन तारों को भूमिगत कर दिया जाए, ताकि वे पृथ्वी पर अपने अकेले बचे घर में सुरक्षित रह सकें. लेकिन, इस निर्देश के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई. मार्च 2023 में हुई विलुप्तप्राय गोडावण की मौत इन मासूम पक्षियों की निरंतर होती मृत्यु की अगली कड़ी है
Priti David, Prabhat Milind, Urja, Radheshyam Bishnoi, P. Sainath