पंजाब में राजस्थान से आए कई प्रवासी मज़दूर परिवार खजूर की पत्तियों से झाडू बनाकर बेचते हैं. ये इन परिवारों में पीढ़ियों से चली आ रही आजीविका है, लेकिन इससे उनकी ज़िंदगियों में कोई बदलाव नहीं आया है
वाअ या, नागालैंड के कोन्याक आदिवासी समुदाय का वाद्य यंत्र है, जिसका इस्तेमाल प्रेम के इज़हार में किया जाता है. सालाना अओलियंग वसंत उत्सव में इसकी मीठी धुन सुनें
असित प्रमाणिक कोई साधारण बुनकर नहीं हैं – वे रंगमंच के एक गंभीर कलाकार भी हैं. करघे पर की गई उनकी मेहनत और मंच से उनका लगाव, एक कामगार के जीवन संघर्ष को दर्शाता है. अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस के अवसर पर पेश है यह कहानी