दूध की क़ीमतों पर निजी क्षेत्र के नियंत्रण के कारण अपनी उत्पादन लागत वसूलने में असमर्थ अरुण जाधव जैसे पश्चिमी महाराष्ट्र के डेयरी किसान अपने पशुओं को बेच रहे हैं और उनके उत्पादन का स्तर गिरता जा रहा है
पार्थ एम एन, साल 2017 के पारी फ़ेलो हैं और एक स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर विविध न्यूज़ वेबसाइटों के लिए रिपोर्टिंग करते हैं. उन्हें क्रिकेट खेलना और घूमना पसंद है.
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Pratima
प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.