उस्मानाबाद ज़िले की गुणामाय कांबले एक विशेषज्ञ दाई हैं, जिनके हाथों सैकड़ों बच्चों ने घर पर जन्म लिया है. यहां तक कि वह प्रसव के जटिल मामलों को भी संभालती आई हैं. लेकिन अस्पतालों में जन्म को बढ़ावा दिए जाने से उनके जैसी कुशल और अनुभवी दाईयां हाशिए पर चली गई हैं
मेधा काले तुलजापुर में रहती हैं और पारी के लिए मराठी एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं. वह महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर काम करती रही हैं.
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Editor
Priti David
प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.
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Translator
Pratima
प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.