ग्रामीण भारत में क्वियर समुदाय का दैनिक जीवन

पारी लाइब्रेरी प्राइड माह में उस क्वियर समुदाय के इर्द-गिर्द उठने वाली आवाज़ों और डेटा को सामने रख रहा है, जो बड़े महानगरों और शहरों से दूर रहते हैं और जिन्हें अपने निजी और कारोबारी जीवन में सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ता है

27 जून, 2023 | पारी लाइब्रेरी

धर्मशाला: क्वियर समुदाय के सतरंगी सपनों का मार्च

हिमाचल प्रदेश में आयोजित हुए पहले प्राइड मार्च में क्वियर समुदाय के अधिकारों की पैरवी की गई, और राज्य के गांवों व छोटे क़स्बों से तमाम लोगों ने इसमें भाग लिया

7 जून, 2023 | स्वेता डागा

नाटक के ज़रिए ख़ुद के होने की गवाही देता ट्रांस समुदाय

बहुत कम ऐसा होता है, जब ट्रांस समुदाय के लोगों को थिएटर की दुनिया में परफ़ॉर्म करने का मौक़ा मिलता है. अंतरराष्ट्रीय ट्रांसजेंडर दृश्यता दिवस - 31 मार्च - के अवसर पर, ट्रांसजेंडर समुदाय के जीवन और समाज में होने वाले भेदभाव के ख़िलाफ़ उनके संघर्ष पर आधारित नाटक ‘संदकारंग’ पर केंद्रित फ़ोटो स्टोरी

31 मार्च, 2023 | एम्. पलनी कुमार

महानगर में शिनाख़्त की दहलीज़ पर खड़ा प्रेम

महाराष्ट्र के ग्रामीण हिस्से से आई एक युवा औरत और एक परलैंगिक (ट्रांस) पुरुष सामाजिक स्वीकृति, न्याय, पहचान और एक साथ अपने सुरक्षित भविष्य के लिए संघर्ष और हंगामे से भरी अपनी प्रेम कहानी सुनाते हैं

4 जनवरी, 2023 | आकांक्षा

‘मुझे फिर कभी भारत के लिए खेलने का मौक़ा नहीं मिला'

बोनी पाल को उनकी इंटरसेक्स विविधताओं के कारण अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल खेलने की अनुमति नहीं थी. राष्ट्रीय इंटरसेक्स मानवाधिकार दिवस के मौक़े पर 22 अप्रैल को उन्होंने अपनी पहचान और संघर्षों के बारे में बात की

22 अप्रैल, 2022 | रिया बहल

मदुरई के ट्रांस आर्टिस्ट: शोषण, अकेलापन, और आर्थिक तंगी

समाज से शोषित, परिवार द्वारा त्याग दिए गए, और अपनी आजीविका खो बैठे, तमिलनाडु के ट्रांस लोक-कलाकार अपने जीवन के सबसे ख़राब दौर से गुज़र रहे हैं

29 जुलाई, 2021 | एस. सेंतलिर

मदुरई के ट्रांस फ़ोक आर्टिस्ट: ‘दुःख ही जीवन की कथा रही’

महामारी ने पूरे तमिलनाडु में न जाने कितने लोक कलाकारों की ज़िंदगी तबाह कर दी, ट्रांस वुमन कलाकारों पर इसका असर अपेक्षाकृत रूप से अधिक भयावह हुआ, जिनके पास बमुश्किल ही कोई काम या आमदनी का कोई ज़रिया है और न ही उन्हें सरकार की तरफ़ से ही किसी भी तरह की मदद हासिल हुई है

27 जुलाई, 2021 | एस. सेंतलिर

‘लोग हमें ऐसे घूरते हैं जैसे हम कोई बुरी आत्मा हों’

इचलकरंजी शहर में ट्रांसजेंडर (विपरीतलिंगी) व्यक्तियों को हर जगह भेदभाव का सामना करना पड़ता है – घर में, स्कूल में, आवास में, सड़क पर। वे आम लोगों के रूप में देखे जाने और थोड़ा सम्मान के साथ काम पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं

8 अगस्त, 2018 | मिनाज लाटकर

बदलते अयोध्या में बदलता रामकथा के मंचन का स्वरूप

दशहरे के महीने में, रामकथा सिंगिंग पार्टी नामक साधारण सी गायन मंडली, दिन की अपनी नौकरी पर वापस लौटने के पहले, एक मंच से दूसरे मंच तक भागती-दौड़ती रहती हैं. वहीं, दूसरी ओर रामकथा का मंचन समकालीन राजनीति के साए से घिरता जा रहा है

19 अक्टूबर, 2018 | जॉयदीप मित्र
PARI Contributors
Translator : PARI Translations, Hindi