मैं-जब-उन्हें-घर-वापस-देखती-हूं-तो-बाघ-का-धन्यवाद-करती-हूं

Yavatmal, Maharashtra

Feb 05, 2019

‘उनके सही-सलामत घर लौट आने पर, मैं बाघ का धन्यवाद करती हूं’

यवतमाल के एक भयभीत चरवाहे शंकर अत्राम ने हाल ही में मारी गई टी-1 बाघिन से बचाव के लिए एक हास्यास्पद पतला ‘कवच’ बनाया था, लेकिन अब उन्हें और अन्य ग्रामीणों को कुछ दूसरे विस्थापित बाघों द्वारा हमले का सामना करना पड़ सकता है

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Author

Jaideep Hardikar

जयदीप हार्दिकर, नागपुर स्थित पत्रकार-लेखक हैं और पारी की कोर टीम के सदस्य भी हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।