मछरी-काटे-वाली-मेहरारू-हमनी-के-कवनो-औकात-नइखे

Cuddalore, Tamil Nadu

Feb 13, 2023

मछरी काटे वाली मेहरारू: ‘हमनी के कवनो औकात नइखे’

तमिलनाडु के कडलूर बंदरगाह पर कला जइसन मछरी काटे-सुखाए वाली बहुते मेहरारू लोग के जिनगी अन्हार भइल बा, सरकारी विकास योजना में उनकर अनदेखी कइल जात बा

Author

Nitya Rao

Photographs

M. Palani Kumar

Translator

Swarn Kanta

Want to republish this article? Please write to zahra@ruralindiaonline.org with a cc to namita@ruralindiaonline.org

Author

Nitya Rao

नित्या राव, यूके के नॉर्विच में यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईस्ट एंग्लिया में जेंडर ऐंड डेवेलपमेंट पढ़ावेली. उहां के महिला अधिकारों, रोज़गार आ शिक्षा के क्षेत्र में शोधकर्ता, शिक्षक, आउर एक्टिविस्ट के तौर पर तीन दशकन से जादे बखत से बड़हन रूप से काम करत बानी.

Editor

Urvashi Sarkar

उर्वशी सरकार, स्वतंत्र पत्रकार बाड़ी आ 2016 के पारी फेलो हई.

Photographs

M. Palani Kumar

एम. पलानी कुमार पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया के स्टाफ फोटोग्राफर बानी. उहां के मेहरारू मजूर आउर हाशिया पर रहे वाला लोग के जिनगी पर डॉक्यूमेंट्री बनावे में दिलचस्पी बा. पलानी के साल 2020 में सम्यक दृष्टि आउर फोटो साउथ एशिया अनुदान आ साल 2021 में एम्पलीफाई अनुदान मिलल रहे. एकरा बाद साल 2022 में उहां के पहिल दयानिता सिंह-पारी डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी अवार्ड से नवाजल गइल. पलानी तमिलनाडु के मैला ढोवे वाली मजूरन पर, तमिल में बनल डॉक्यूमेंट्री 'कक्कूस' (शौचालय) के सिनेमाटोग्राफर भी रह चुकल बानी.

Translator

Swarn Kanta

स्वर्णकांता एगो पत्रकार, एडिटर, टेक ब्लॉगर, कंटेन्ट राइटर, ट्रांसलेटर, लिंग्विस्ट आ एक्टिविस्ट बारी.