भरतनाट्यम
- काली नवरसम (नौ भाव) परफ़ॉर्म कर रहे हैं
शृंगारम
- प्रेम
हास्यम
- हास्य/विनोद
करुणा
- दया
रौद्रम
- ग़ुस्सा
वीरम
- वीरता
भयानकम
- डर
बिभत्सम
- घृणा
अद्भुतम
- विस्मय
शांतम
- शांति
अनुवाद: नेहा कुलश्रेष्ठ