जयशिंता बांदा, किल्लाबंदर गांव में अपने ओसारे पर बैठकर मछली पकड़ने का जाल बुन रही हैं। यह गांव मुंबई शहर के उत्तर में 16वीं शताब्दी में निर्मित वसई किले की सीमा पर स्थित है। इनका संबंध मछुआरों के परिवार से है, जो अपना जाल खुद बनाते हैं। “इसे बनाने में एक महीने का समय लगता है,” वह बताती हैं। जयशिंता के पति और दो बेटे नाव से मछली पकड़ने निकल जाते हैं, उनकी दो बेटियां अपनी नौकरी के लिए मुंबई चली जाती हैं, और वह अपने सभी घरेलू कामों को पूरा करने के बाद जाल बुनती हैं।

हिंदी अनुवाद: मोहम्मद क़मर तबरेज़

Samyukta Shastri

সময়ুক্তা শাস্ত্রী পারির পরিচালনার দ্বায়িত্বে থাকা কাউন্টার মিডিয়া ট্রাস্টের অছি সদস্য হওয়ার পাশাপাশি একজন স্বতন্ত্র সাংবাদিক, ডিজাইনার ও কর্মদ্যোগী। ২০১৯ সালের জুন মাস অবধি তিনি পারির কন্টেন্ট কোওর্ডিনেটর ছিলেন।

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Translator : Qamar Siddique

কমর সিদ্দিকি পিপলস আর্কাইভ অফ রুরাল ইন্ডিয়ার উর্দু অনুবাদ সম্পাদক। তিনি দিল্লি-নিবাসী সাংবাদিক।

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