कमाठीपुरा-में-निराशा-के-साथ-आशा-भी

Central Mumbai, Maharashtra

Jan 09, 2021

नाउम्मीदी के ख़िलाफ़ कमाठीपुरा की जंग

कमाठीपुरा की सेक्स वर्कर्स अपने बच्चों को इज़्ज़त की ज़िंदगी देने के लिए संघर्ष कर रही हैं. दुख की महामारी में फंसी इन महिलाओं की कहानी बयान करने वाली दो स्टोरी से प्रेरित होकर लिखी गई कविता

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Author

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।