हौसाबाई पाटिल: आज़ादी की लड़ाई के एक सुनहरे अध्याय का हुआ अंत
95 वर्षीय तेज़तर्रार स्वतंत्रता सेनानी, जोकि 1943-46 के समयांतराल में ब्रिटिश हुकूमत पर बुलंद हौंसलों से हल्ला बोलने वाले सतारा के भूमिगत क्रांतिकारियों के समूह का हिस्सा थीं, आख़िरी सांस तक इंसाफ़ की लड़ाई लड़ते हुए ग़रीबों व मज़लूमों के हक़ की बात करती रहीं
पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं. वह दशकों से ग्रामीण भारत की समस्याओं की रिपोर्टिंग करते रहे हैं और उन्होंने ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ तथा 'द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम' नामक किताबें भी लिखी हैं.
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Surya Prakash
सूर्य प्रकाश एक कवि और अनुवादक हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में पीएचडी लिख रहे हैं.