सोनभद्र-अपनी-ज़मीन-बचाने-की-लड़ाई

Sonbhadra, Uttar Pradesh

Nov 11, 2022

सोनभद्र: अपनी ज़मीन बचाने की लड़ाई

उत्तरप्रदेश में मझौली गांव की अनुभवी आदिवासी कार्यकर्ता सुकालो गोंड के अनुसार आगे का रास्ता लंबा और कठिन है. कल 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट भारत के दस लाख से भी अधिक आदिवासियों को उनकी ज़मीन से बेदख़ल किए जाने के मामले में अपना फ़ैसला सुनाने वाली है

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Author

Sweta Daga

स्वेता डागा, बेंगलुरु स्थित लेखक और फ़ोटोग्राफ़र हैं और साल 2015 की पारी फ़ेलो भी रह चुकी हैं. वह मल्टीमीडिया प्लैटफ़ॉर्म के साथ काम करती हैं, और जलवायु परिवर्तन, जेंडर, और सामाजिक असमानता के मुद्दों पर लिखती हैं.

Editor

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.