सिटिज़न-नगर-के-लोग-उम्मीद-से-हाथ-धो-बैठे-हैं

Ahmedabad, Gujarat

Apr 22, 2020

उम्मीदों से भी हाथ धो बैठे हैं सिटिज़न नगर के लोग

अहमदाबाद के सिटिज़न नगर के पहले से ही पीड़ित समुदाय के लिए कोविड-19 लॉकडाउन आख़िरी चोट साबित हो रहा है. इसके चलते, यहां भुखमरी बढ़ रही है और स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है

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Author

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.

Translator

Neha Kulshreshtha

नेहा कुलश्रेष्ठ, जर्मनी के गॉटिंगन विश्वविद्यालय से भाषा विज्ञान (लिंग्विस्टिक्स) में पीएचडी कर रही हैं. उनके शोध का विषय है भारतीय सांकेतिक भाषा, जो भारत के बधिर समुदाय की भाषा है. उन्होंने साल 2016-2017 में पीपल्स लिंग्विस्टिक्स सर्वे ऑफ़ इंडिया के द्वारा निकाली गई किताबों की शृंखला में से एक, भारत की सांकेतिक भाषा(एं) का अंग्रेज़ी से हिंदी में सह-अनुवाद भी किया है.