लॉकडाउन के बीच बुज़ुर्ग कामगारों की आजीविका का कोई ठिकाना नहीं
कर्नाटक के बेलगावी और महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मशीनों की मरम्मत करने वाले एक मुस्लिम कामगार, एक आदिवासी बुनकर, और रस्सी बनाने वाले एक दलित श्रमिक - तीनों बुज़ुर्ग और अत्यधिक कुशल कारीगरों के पास लॉकडाउन में कोई काम नहीं है