मुफ़्त राशन के वादे के बावजूद कोविड-19 के दौरान घरेलू कामगारों और नगरपालिका कर्मचारियों को खाने की किल्लत से जूझना पड़ रहा है, जिनमें से कई पलायन करके आए थे और पुणे के कोथरूड इलाक़े में रहते हैं
जितेंद्र मैड एक स्वतंत्र पत्रकार हैं और वाचिक परंपराओं पर शोध करते रहे हैं. उन्होंने कुछ साल पहले पुणे के सेंटर फ़ॉर कोऑपरेटिव रिसर्च इन सोशल साइंसेज़ में गी पॉइटवां और हेमा राइरकर के साथ रिसर्च कोऑर्डिनेटर के तौर पर काम किया था.
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Sarah Kumar
मूलतः मध्य प्रदेश की रहने वाली सारा कुमार, वर्तमान में ऑरेगॉन के पोर्टलैंड शहर में स्थित रीड कॉलेज में गणित की छात्र हैं. वह लैंगिक न्याय और सामाजिक-आर्थिक समानता से जुड़े मुद्दों में दिलचस्पी रखती हैं. उन्हें किताबें पढ़ना, अनुवाद करना, और अलग-अलग भाषाओं के बारे में जानना पसंद है.