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Nanded, Maharashtra

Oct 12, 2023

नांदेड़ के प्रवासी मज़दूर: न सिर पर छत, न पीने को पानी

अगर आप महाराष्ट्र के इस शहर में प्रवासी मज़दूर हैं, तो यहां सबसे बुनियादी ज़रूरत पानी को हासिल करना एक चुनौती होती है. लोग यहां हाशिए के समुदायों को लेकर सशंकित रहते हैं और संसाधन व सार्वजनिक जगहें साझा नहीं करना चाहते

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Author

Prakash Ransingh

प्रकाश रणसिंह, पुणे के सोसाइटी फ़ॉर प्रमोटिंग पार्टिसिपेटिव इकोसिस्टम मैनेजमेंट (एसओपीपीईसीओएम) में रिसर्च असोसिएट हैं.

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Medha Kale

मेधा काले तुलजापुर में रहती हैं और पारी के लिए मराठी एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं. वह महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर काम करती रही हैं.

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Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

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Ajay Sharma

अजय शर्मा एक स्वतंत्र लेखक, संपादक, मीडिया प्रोड्यूसर और अनुवादक हैं.