'हर वक़्त यही लगता है कि किसी मर्द की आंखें मुझे घूर रही हैं'
बंद पड़े सार्वजनिक शौचालय, सुदूर ब्लॉक, परदे से ढंके छोटे डब्बे जैसे टॉयलेट, नहाने और सैनिटरी पैड के इस्तेमाल व निपटान के लिए निजता का अभाव, रात के समय शौच के लिए रेल की पटरियों पर जाने की मजबूरी: ये ऐसी मुश्किलें हैं जिनका सामना पटना की झुग्गी बस्तियों में रहने वाली लड़कियां हर रोज़ करती हैं
शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.
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Author
Kavitha Iyer
कविता अय्यर, पिछले 20 सालों से पत्रकारिता कर रही हैं. उन्होंने 'लैंडस्केप्स ऑफ़ लॉस: द स्टोरी ऑफ़ ऐन इंडियन' नामक किताब भी लिखी है, जो 'हार्पर कॉलिन्स' पब्लिकेशन से साल 2021 में प्रकाशित हुई है.
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Priyanka Borar
प्रियंका बोरार न्यू मीडिया की कलाकार हैं, जो अर्थ और अभिव्यक्ति के नए रूपों की खोज करने के लिए तकनीक के साथ प्रयोग कर रही हैं. वह सीखने और खेलने के लिए, अनुभवों को डिज़ाइन करती हैं. साथ ही, इंटरैक्टिव मीडिया के साथ अपना हाथ आज़माती हैं, और क़लम तथा कागज़ के पारंपरिक माध्यम के साथ भी सहज महसूस करती हैं व अपनी कला दिखाती हैं.
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Pratima
प्रतिमा एक काउन्सलर हैं और बतौर फ़्रीलांस अनुवादक भी काम करती हैं.