‘हमनी के जिनगी में इहे पक्का बा, कि कुछो पक्का नइखे’
मशरूभाई रबारी चरवाहा हवें. भारत के पश्चिमी आउर मध्य इलाका में आपन पशुअन संगे घूमत रहेलें. महाराष्ट्र के विदर्भ में उनकरा डेरा पर भेंट भइल. उहंवा खुलल आसमान के नीचे उनका संगे बितावल एगो सांझ
जयदीप हार्दिकर, नागपुर में रहे वाला एगो पत्रकार-लेखक आउर पारी के कोर टीम के सदस्य बाड़न.
Editor
Pratishtha Pandya
प्रतिष्ठा पंड्या पारी में सीनियर एडिटर बानी आउर एकर क्रिएटिव राइटिंग सेक्शन के अगुआई करेनी. उहां के पारीभाषा टीम के सदस्य भी बानी आउर गुजराती में कहानी अनुवाद आउर संपादित करेनी. प्रतिष्ठा के गुजराती आउर अंगरेजी में रचना सभ छपत रहेला.