मधुबनी-जहां-बेटियों-के-जन्म-प्रमाणपत्र-नहीं-बनते

Madhubani, Bihar

Oct 28, 2021

मधुबनी: जहां बेटियों के जन्म प्रमाणपत्र नहीं बनते

बिहार के मधुबनी ज़िले के ग़रीब व आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों से ताल्लुक़ रखने वाली औरतों को मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बनाने व उनका लाभ उठाने के लिए मुसीबतों के भंवर से गुज़रते हुए तमाम तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इसलिए व्यवस्था के जिस तंत्र से उन्हें थोड़ी-बहुत मदद या राहत मिल जाती है, जब उसमें भी भ्रष्टाचार के मामले सामने आते हैं, तो फिर बेबसी के आलम में उनके पास बस हताशा ही बचती है

Series Editor

Sharmila Joshi

Illustration

Jigyasa Mishra

Translator

Surya Prakash

Want to republish this article? Please write to zahra@ruralindiaonline.org with a cc to namita@ruralindiaonline.org

Author

Jigyasa Mishra

जिज्ञासा मिश्रा, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले की एक स्वतंत्र पत्रकार हैं.

Illustration

Jigyasa Mishra

जिज्ञासा मिश्रा, उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले की एक स्वतंत्र पत्रकार हैं.

Translator

Surya Prakash

सूर्य प्रकाश एक कवि और अनुवादक हैं. वह दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में पीएचडी लिख रहे हैं.

Editor

P. Sainath

पी. साईनाथ, पीपल्स ऑर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के संस्थापक संपादक हैं. वह दशकों से ग्रामीण भारत की समस्याओं की रिपोर्टिंग करते रहे हैं और उन्होंने ‘एवरीबडी लव्स अ गुड ड्रॉट’ तथा 'द लास्ट हीरोज़: फ़ुट सोल्ज़र्स ऑफ़ इंडियन फ़्रीडम' नामक किताबें भी लिखी हैं.

Series Editor

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.