महाबलीपुरम में, बंगाल की खाड़ी के तट पर, मछुआरे शनिवार की शाम को लगभग 4 बजे, समुद्र के काम को विराम देते हुए ताश खेल रहे हैं।

उनका दिन सूर्योदय से पहले शुरू होता है, जब वे समुद्र के लिए अपने घरों से निकलते हैं। वे कुछ घंटों तक (मौसम के आधार पर) मछली पकड़ते हैं, और आमतौर पर सुबह के समय ही किनारे पर लौटते हैं, जहां व्यापारी उनके द्वारा पकड़ी गई मछलियों की नीलामी करेंगे। उसके बाद ये मछुआरे अपने घर चले जाते हैं, भोजन करते हैं और थकान के कारण सो जाते हैं। बाद में, वे अपने कटे-फटे जाल को ठीक करने के लिए समुद्र तट पर लौटते हैं। दिन का काम जब पूरा हो जाता है, तो वे आराम करने के लिए बैठते हैं और ताश खेलते हैं।

हिंदी अनुवाद: मोहम्मद क़मर तबरेज़

Rahul M.

ఆంధ్రప్రదేశ్ రాష్ట్రంలో అనంతపూర్ నగరంలో ఉండే రాహుల్ ఎం. ఒక స్వచ్చంధ పాత్రికేయుడు. ఇతను 2017 PARI ఫెలో.

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Translator : Qamar Siddique

కమర్ సిద్దీకీ, పీపుల్స్ ఆర్కైవ్ ఆఫ్ రూరల్ ఇండియాలో ఉర్దూ భాష అనువాద సంపాదకులుగా పనిచేస్తున్నారు. ఆయన దిల్లీకి చెందిన పాత్రికేయులు.

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