रुपाणा गांव में हुनरमंद हंस राज अकेले कारीगर हैं जो अभी भी हाथ से चमड़े की जुत्तियां बनाते हैं. यह ऐसा शिल्प है जिसमें काफ़ी हुनर और बारीकी की ज़रूरत होती है, और इस काम को पारंपरिक रूप से पंजाब के दलित परिवार करते आ रहे हैं
संस्कृति तलवार, नई दिल्ली स्थित स्वतंत्र पत्रकार हैं और साल 2023 की पारी एमएमएफ़ फेलो हैं.
Author
Naveen Macro
नवीन मैक्रो, दिल्ली स्थित इंडिपेंडेंट फ़ोटोजर्नलिस्ट और डॉक्यूमेंट्री फ़िल्ममेकर हैं. वह साल 2023 के पारी एमएमएफ़ फेलो भी हैं.
Editor
Sarbajaya Bhattacharya
सर्वजया भट्टाचार्य, पारी के लिए बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर काम करती हैं. वह एक अनुभवी बांग्ला अनुवादक हैं. कोलकाता की रहने वाली सर्वजया शहर के इतिहास और यात्रा साहित्य में दिलचस्पी रखती हैं.
Translator
Ajay Sharma
अजय शर्मा एक स्वतंत्र लेखक, संपादक, मीडिया प्रोड्यूसर और अनुवादक हैं.