हर साल, देस भर से नयका पीढ़ी हमनी संगे इंटर्नशिप करे खातिर आवेदन भेजेला. साल 2023 में भी कोना-कोना से अलग-अलग बिषय के विद्यार्थी लोग बहुते बड़ तादाद में हमनी के लिखलक. छात्र लोग देस के अलग-अलग विस्वविद्यालय से रहे. जइसे कि मुंबई के टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, बेंगलुरु के अजीम प्रेमजी विस्वविद्यालय, सोनीपत के अशोक विस्वविद्यालय, पुणा में फ्लेम विस्वविद्यालय, राजस्थान के केंद्रीय विस्वविद्यालय आउर कइएक दोसर विस्वविद्यालय.
पारी इंटर्नशिप में पछिला कुछ बरिस में तनी-तनी बदलाव लावल गइल. इहंवा हिस्सा लेवे वाला छात्र सभ के गिनती बढ़ल, ओह लोग के जवन काम देहल गइल, ऊ आउर एह दौर में सवाल सभ के गिनती भी बढ़ल. एकरा बादो हमनी के मकसद में कवनो अंतर ना आइल. हरमेसा जेका हमनी युवा लोग के अन्याय, गैरबराबरी के बीच हाशिया पर ठाड़ समाज से जुड़ल मुद्दा के प्रति सचेत आउर आपन दौर के जरूरी सवाल के उठावे खातिर तइयार करत बानी. इहे हमनी के एकमात्र मकसद बा.
पारी इंटर्न के पहिल पहचान बा, जमीन से जुड़ाव. ओह लोग के गांव के हाशिया पर रहे वाला समुदाय पर शोध, बातचीत, लेखन, सत्यापन, फिल्मांकन करे के होखेला. एकरा संगे-संगे ऊ लोग वंचित समुदाय आउर गांव-देहात के फोटो भी खींचेला, कहानी के चित्रण करेला. एह कड़ी में हिमाचल प्रदेस, मध्य प्रदेस, गुजरात, अरुणाचल प्रदेस, तमिलनाडु, ओडिशा, महाराष्ट्र, केरल, जम्मू आ कश्मीर से छात्र लोग आपन काम भेजले बा.
लाइब्रेरी रिपोर्ट, फिलिम आ वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट से जुड़ल काम भी ऊ लोग करेला. जरूरत पड़ला पर अनुवादो में मदद करेला.
लैंगिक भेदभाव के लेके एह बरिस बहुते छात्र लोग उत्सुक रहल. ऊ लोग एह बिषय पर काम करे आउर एकरा से जुड़ल दिक्कत पर रिपोर्ट करे के चाहत रहे. ओह लोग के अइसने कुछ काम पर एक नजर डालल जाव:
पारी के एगो इंटर्न बाड़ी, अध्येता मिश्रा. उनकर कहानी बा, चाय बागान मेहरारू मजूर: 10 घंटा ले पेसाब रोके के लाचारी . ई कहानी बतावेला कि पश्चिम बंगाल के चाय बागान में काम करे वाला मेहरारू मजूर लोग के कइसन तरह के लैंगिक भेदभाव झेले के पड़ेला. अध्येता कहानी करे घरिया जादवपुर विस्विद्यालय में तुलनात्मक साहित्य के पढ़ाई करत रहस. एह कहानी के दरज करे घरिया उनकरा बागान आउर उहंवा काम करे वाला मजूर लोग के नौकरी बचावे खातिर, ओह लोग के नाम-काम लुका के रखे के पड़ल.
दीपशिखा अजीम प्रेमजी विस्वविद्यालय में एमए डेवलपमेंट के कोर्स करत बाड़ी. हमनी संगे इंटर्नशिप के दौरान ऊ बिहार में जाके काम कइली. उहंवा के गांव-देहात में ऑर्केस्ट्रा संगे काम करे वाला जवान लइकी लोग के दिल दहला देवे वाला कहानी हमनी के भेजली: रोटी खातिर अश्लील गीत पर नाचे के मजबूरी . उनकर कहनाम रहे, “रउआ लोगनी से मिलल मार्गदर्सन आउर सुझाव चलते हम नीमन कहानी कर पइनी. इहे ना लेखक के बतौर हमार आत्मबिस्वास भी बढ़ल. पारी वेबसाइट पर हमार कहानी छपल, हमार सपना सच हो गइल. इहंवा खातिर कहानी लिखे में जे अनुभव हासिल भइल, ओकरा से हमरा अइसन आपन दौर के सवाल उठावे वाला कहानी सभ करे के प्रेरणा मिलल.”
साल 2023 के अंतिम पड़ाव में, इंटर्न कुहू बजाज पारी से जुड़ली. ऊ मध्यप्रदेस के दमोह से बीड़ी मजूर लोग के इंटरव्यू कइली. पारी खातिर बीड़ी मजूर बा, रोज-रोज मजबूर बा! जइसन स्टोरी लिखली. अशोक विस्वविद्यालय से पढ़ाई करे वाली कुहू कहेली, “असल में पत्रकारिता का होखेला, ई हमरा पारी में अइला पर पता चलल. रिपोर्ट लिखे घरिया हम बहुते कुछ सीखनी. हर कहानी के करे में जे मिहनत आउर लगन लगेला, ओकरा बारे में जाननी.” कुहू के कहानी से रउआ पता चली कि शारीरिक रूप से मुस्किल आउर शोषण वाला धंधा सभ में मजूर के रूप में जादेतर मेहरारुए लोग काम करेला. ई एगो कड़वा सच बा, काहेकि ओह लोग लगे रोटी कमाए खातिर आउर कवनो साधन ना होखे.
पारी के सबले युवा रिपोर्टर आउर दसमा में पढ़े वाला हनी मंजूनाथ साल 2023 में आपन इलाका के एगो डाकिया के कहानी लिखली: अकेले छव गांव चिट्ठी बांटे वाला डाक बाबू . एह कहानी में नौकरी के पुरान दिनन के याद बा, त डाक सेवक लोग के काम के कठिन हालात के बारे में भी बतावल गइल बा. कहानी से पता चलेला कि कइसे ओह लोग के पानी बरसे, चाहे जरत धूप पड़े आपन काम तय वक्त तक पूरा कर देवे के होखेला. बाकिर अफसोस कि ऊ लोग के पेंशन भी ना मिले.
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अनुवादक: स्वर्ण कांता