स्वच्छ-भारत-का-नारा-और-सीवर-में-मरते-सफ़ाईकर्मी

New Delhi, Delhi

Oct 23, 2018

स्वच्छ भारत का नारा, और सीवर में मरते सफ़ाईकर्मी

अर्जुन सिंह जब 10 वर्ष का था, उसके पिता राजेश्वर की मृत्यु दिल्ली में एक सीवर की सफ़ाई के दौरान हो गई थी. अब 14 वर्ष की उम्र में स्कूल जाने वाला यह लड़का अपना और अपनी मां का गुज़ारा चलाने के लिए स्नैक्स बेचता है, और बैंक मैनेजर तथा शेफ़ बनने का सपना देख रहा है

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Author

Bhasha Singh

भाषा सिंह एक स्वतंत्र पत्रकार और लेखक हैं, और साल 2017 की पारी फ़ेलो हैं. हाथ से मैला ढोने की प्रथा पर आधारित उनकी पुस्तक, ‘अदृश्य भारत', (हिंदी) पेंगुइन प्रकाशन द्वारा 2012 में प्रकाशित हुई थी (अंग्रेज़ी में 'अनसीन' नाम से साल 2014 में प्रकाशित). वह उत्तर भारत के कृषि संकट, परमाणु संयंत्रों से जुड़ी राजनीति और ज़मीनी हक़ीक़त, तथा जेंडर, दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर पत्रकारिता करती रही हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।