मवेशियों-और-पक्षियों-को-भी-ढेर-सारा-पानी-चाहिए-होता-है

Satara, Maharashtra

Jul 01, 2019

‘मवेशियों और पक्षियों को भी ढेर सारा पानी चाहिए होता है’

सूखे ने महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाक़ों के कई परिवारों को पशु शिविरों में रहने पर मजबूर कर दिया है. सतारा ज़िले के म्हसवड के एक शिविर में, सारिका और अनिल सावंत अपने परिवार के दुग्ध तथा मुर्गी पालन के व्यवसाय के बढ़ते संघर्ष के बारे में बता रहे हैं

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Author

Medha Kale

मेधा काले तुलजापुर में रहती हैं और पारी के लिए मराठी एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं. वह महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर काम करती रही हैं.

Translator

Qamar Siddique

क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।

Photographs

Binaifer Bharucha

बिनाइफ़र भरूचा, मुंबई की फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र हैं, और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर फ़ोटो एडिटर काम करती हैं.

Editor

Sharmila Joshi

शर्मिला जोशी, पूर्व में पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के लिए बतौर कार्यकारी संपादक काम कर चुकी हैं. वह एक लेखक व रिसर्चर हैं और कई दफ़ा शिक्षक की भूमिका में भी होती हैं.