‘जहंवा लोग सरकारी नर्स ना, ‘झोला-छाप’ डॉक्टर के बाट जोहेला’
झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिला के भीतरिया गांव सभ में स्वास्थ्य सेवा के हालत पस्त बा. लाचारी में इलाज खातिर ‘रूरल मेडिकल प्रैक्टिशनर’ यानी, ‘झोला छाप डॉक्टर’ के असरा ताके के पड़त बा. एह बीच स्वास्थ्य सेवा पूरा तरीका से इंसानी भरोसा आउर ब्यवहार के भरोस बा
उरांव आदिवासी समुदाय से आवे वाली जसिन्ता केरकेट्टा, झारखंड के गांव-देहात में घूम-धूम के रिपोर्टिंग करेली आउर लिखेली. उहां के आदिवासी समुदाय के संघर्ष के आवाज देवे वाला एगो संवेदनशील कवि बानी आउर आदिवासी लोग के खिलाफ होखे वाला अन्याय के विरोध में मुखर भी बानी.
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Labani Jangi
लाबनी जंगी पश्चिम बंगाल के नदिया जिला के रहे वाली बारी, आ 2020 से पारी के फेलो हई. ऊ एगो नीमन पेंटरो बारी, एह खातिर लाबनी कवनो औपचारिक पढ़ाई नइखी कइले. उहां के कोलकाता के ‘सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज’ में मजदूरन के पलायन पर पीएचडी लिख रहल बानी.