सेप्टिक टैंक में मारे गए एक सफ़ाईकर्मी की पत्नी के. नागम्मा और उनकी बेटियां - शयला तथा आनंदी उस प्रणाली के ख़िलाफ़ अपने संघर्ष को याद करती हैं जिसने उनकी दुनिया को गटर तक सीमित कर दिया
भाषा सिंह एक स्वतंत्र पत्रकार और लेखक हैं, और साल 2017 की पारी फ़ेलो हैं. हाथ से मैला ढोने की प्रथा पर आधारित उनकी पुस्तक, ‘अदृश्य भारत', (हिंदी) पेंगुइन प्रकाशन द्वारा 2012 में प्रकाशित हुई थी (अंग्रेज़ी में 'अनसीन' नाम से साल 2014 में प्रकाशित). वह उत्तर भारत के कृषि संकट, परमाणु संयंत्रों से जुड़ी राजनीति और ज़मीनी हक़ीक़त, तथा जेंडर, दलितों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर पत्रकारिता करती रही हैं.
Translator
Qamar Siddique
क़मर सिद्दीक़ी, पीपुल्स आर्काइव ऑफ़ रुरल इंडिया के ट्रांसलेशन्स एडिटर, उर्दू, हैं। वह दिल्ली स्थित एक पत्रकार हैं।