प्रभाती धर चटाइयां बुनने वाली एक कुशल कारीगर हैं जो चटाइयों पर केले के पेड़ों और मोरों जैसे सुंदर और शुभकारी चित्र बनाती हैं. कमलकोष की बुनावट एक दुर्लभ कारीगरी है और इस कला को वे पश्चिम बंगाल के कूच बिहार ज़िले में नई पीढ़ी के लोगों को सिखाने का काम कर रही हैं
श्रेया कनोई एक डिज़ाइन रिसर्चर हैं, जो शिल्पकला के साथ जुड़े आजीविका के सवालों पर काम करती हैं. वह साल 2023 की पारी-एमएमएफ़ फ़ेलो हैं.
Editor
Priti David
प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.
Translator
Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.