वारली का अस्तित्व बचाने को जूझता पालघर का एक शिक्षक
भालचंद्र धनगरे आदिवासी बच्चों को पढ़ाते हैं. उनके अधिकतर बच्चे वारली-भाषी हैं और भालचंद्र इस लुप्त होती भाषा को छोटी उम्र के छात्रों को कक्षा में पढ़ाए जाने वाले विषयों का हिस्सा बनाने के लिए प्रयासरत हैं. शिक्षक दिवस पर ख़ास
भालचन्द धनगर पालघर ज़िले के मोखंडा में ज़िला परिषद प्राइमरी स्कूल में एक प्राथमिक अध्यापक हैं.
Editor
Siddhita Sonavane
सिद्धिता सोनावने एक पत्रकार हैं और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर कंटेंट एडिटर कार्यरत हैं. उन्होंने अपनी मास्टर्स डिग्री साल 2022 में मुम्बई के एसएनडीटी विश्वविद्यालय से पूरी की थी, और अब वहां अंग्रेज़ी विभाग की विज़िटिंग फैकल्टी हैं.
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Siddhita Sonavane
सिद्धिता सोनावने एक पत्रकार हैं और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर कंटेंट एडिटर कार्यरत हैं. उन्होंने अपनी मास्टर्स डिग्री साल 2022 में मुम्बई के एसएनडीटी विश्वविद्यालय से पूरी की थी, और अब वहां अंग्रेज़ी विभाग की विज़िटिंग फैकल्टी हैं.
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Prabhat Milind
प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.