कोल्हापुर ला एक ठन (पुरोगामी) प्रगतिशील शहर के रूप मं जाने जाथे. ये ह महान लोगन मन – शाह, फुले अऊ अंबेडकर के पुरखौती ला आगू ले जावत हवय. अलग-अलग कतको जात-धरम के लोगन मन आज घलो प्रगतिशील बिचार के ये पुरखौती ला संभाल के रखे चलत आवत हवंय, संगे संग अलग-अलग संस्कृति के बीच मान-सम्मान अऊ मित–मितानी घलो रखथें.
फेर हाल के बखत मं मेलमिलाप रखेइय्या समाज मं मतभेद करे बर एक ठन संगठित कोसिस घलो करे गे हवय. बिचार ले मुकाबला बिचारेच ले करे जाय ला चाही. शर्फुद्दीन देसाई अऊ सुनील माली जइसने लोगन मन समाज मं भाईचारा बनाके रखे के कोसिस करत हवंय.
शर्फुद्दीन देसाई अऊ सुनील माली महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिला के तरदल गांव के बासिंदा आंय. शर्फुद्दीन देसाई के गुरु हिंदू हवय, त सुनील माली के गुरु मुस्लिम.
अनुवाद: निर्मल कुमार साहू