अस्सी पार कर चुकल शेरिंग दोरजी भूटिया पछिला पचास बरिस से जादे बखत से तीर-धनुष बनावत बाड़ें. पेशा से बढ़ई, दोरजी फरनीचर ठीक करके आपन घर चलावत रहस. बाकिर तीरंदाजी उनकर जिनगी के प्रेरणा बा. उनकर घर, सिक्कम के कला आउर संस्कृति में तीरंदाजी गहरा बसल बा.
स्थानीय लोग के कहनाम बा पाकयोंग जिला के कार्थोक गांव में कबहू ढेरे लोग तीर आ धनुष बनावत रहे. बाकिर आज ई कला सिरिफ शेरिंग के हाथ में बचल बा. ऊ बांस से धनुष बनावेलन. फेरु एकरा लोसांग के बौद्ध त्योहार में बेचल जाला.
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अनुवाद: स्वर्ण कांता