मज़दूर-हूं-मैं-मजबूर-नहीं

Chandigarh, Punjab

Jul 05, 2020

मज़दूर हूं मैं, मजबूर नहीं

25 मार्च के लॉकडाउन के बाद लाखों प्रवासी मज़दूरों का सामूहिक पलायन कवियों और चित्रकारों की कल्पना को साकार करता है। यह कविता श्रमिकों से निपटने में हमारे कई पाखंडों का खंडन करती है

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Author

Anjum Ismail

अंजुम इस्माईल मोहाली, चंडीगढ़ में स्थित एक स्वतंत्र लेखिका हैं।