बुलडोज़र-रिपब्लिक-में-जंगली-फूलों-के-खिलने-की-उम्मीद

Ahmedabad, Gujarat

May 04, 2022

बुलडोज़र रिपब्लिक में: जंगली फूलों के खिलने की उम्मीद

उसके जीवन को एक बुलडोज़र ने तहस-नहस कर दिया था. जबकि दंगों के दिए हुए घाव भी अब तक भरे नहीं थे. लेकिन वह जानती है कि इन मशीनों से तबाह कर दी गई ज़मीन पर नई उम्मीद की तरह जंगली फूल खिलेंगे; जिसकी गवाही में पेश है यह कविता

Poem and Text

Pratishtha Pandya

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Labani Jangi

Translator

Devesh

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Poem and Text

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पांड्या, पारी में बतौर वरिष्ठ संपादक कार्यरत हैं, और पारी के रचनात्मक लेखन अनुभाग का नेतृत्व करती हैं. वह पारी’भाषा टीम की सदस्य हैं और गुजराती में कहानियों का अनुवाद व संपादन करती हैं. प्रतिष्ठा गुजराती और अंग्रेज़ी भाषा की कवि भी हैं.

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Labani Jangi

लाबनी जंगी साल 2020 की पारी फ़ेलो हैं. वह पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले की एक कुशल पेंटर हैं, और उन्होंने इसकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हासिल की है. लाबनी, कोलकाता के 'सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ इन सोशल साइंसेज़' से मज़दूरों के पलायन के मुद्दे पर पीएचडी लिख रही हैं.

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Devesh

देवेश एक कवि, पत्रकार, फ़िल्ममेकर, और अनुवादक हैं. वह पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया के हिन्दी एडिटर हैं और बतौर ‘ट्रांसलेशंस एडिटर: हिन्दी’ भी काम करते हैं.