मंगलवार, 27 नवंबर को शाम 4 बजे के बाद, एक भीड़ केंद्रीय दिल्ली में राजीव चौक मेट्रो स्टेशन के बाहर इकट्ठा हुई है। इनमें ऑटोरिक्शा चालक, छात्र, सामान विक्रेता, मध्यम वर्ग के पेशेवर और अन्य लोग शामिल हैं। सड़क के किनारे खड़े होकर, वे कृषि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं। नेशन फ़ॉर फ़ॉरमर्स (किसानों के लिए राष्ट्र) और आर्टिस्ट फ़ॉर फ़ॉरमर्स (किसानों के लिए कलाकार) के स्वयंसेवकों का एक समूह – 29-30 नवंबर को किसान मुक्ति मोर्चा का समर्थन करने वाले नागरिकों का एक समूह – बैनर पकड़े हुआ है और पर्चे बांट रहा है, जिसमें कृषि संकट पर समर्पित संसद का एक विशेष 21 दिवसीय सत्र बुलाने की मांग की गई है। निकटवर्ती सेंट्रल पार्क में बैठे कुछ लोग, स्वयंसेवकों को देखते हैं और मोर्चा तथा संकट के बारे में प्रश्न पूछना शुरू कर देते हैं। एक वार्तालाप शुरू होता है। उनमें से कुछ लोगों के कथन यहां दिए जा रहे हैं:
हिंदी अनुवाद: डॉ. मोहम्मद क़मर तबरेज़