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Lakhimpur, Assam

Nov 12, 2025

‘हम जैसे लोग देवता नहीं बन सकते’

पवित्र स्थलों पर प्रस्तुत किए जाने वाले असम के पारंपरिक धार्मिक रंगमंच भाओना में वंचित जातियां, आदिवासी और महिला कलाकार अब जातिवादी और लैंगिक अपमान को झटकते हुए अपनी जगह बना रही हैं

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Author

Bishnu J

बिष्णु जे., हैदराबाद विश्वविद्यालय से संचार विषय में परास्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं. वह असम से हैं और मीडिया और संस्कृति, तथा मीडिया और जेंडर के अध्ययन में रुचि रखते हैं.

Editor

Priti David

प्रीति डेविड, पारी की कार्यकारी संपादक हैं. वह मुख्यतः जंगलों, आदिवासियों और आजीविकाओं पर लिखती हैं. वह पारी के एजुकेशन सेक्शन का नेतृत्व भी करती हैं. वह स्कूलों और कॉलेजों के साथ जुड़कर, ग्रामीण इलाक़ों के मुद्दों को कक्षाओं और पाठ्यक्रम में जगह दिलाने की दिशा में काम करती हैं.

Photo Editor

Binaifer Bharucha

बिनाइफ़र भरूचा, मुंबई की फ़्रीलांस फ़ोटोग्राफ़र हैं, और पीपल्स आर्काइव ऑफ़ रूरल इंडिया में बतौर फ़ोटो एडिटर काम करती हैं.

Translator

Prabhat Milind

प्रभात मिलिंद, शिक्षा: दिल्ली विश्विद्यालय से एम.ए. (इतिहास) की अधूरी पढाई, स्वतंत्र लेखक, अनुवादक और स्तंभकार, विभिन्न विधाओं पर अनुवाद की आठ पुस्तकें प्रकाशित और एक कविता संग्रह प्रकाशनाधीन.

Editor

Sarbajaya Bhattacharya

सर्वजया भट्टाचार्य, पारी के लिए बतौर सीनियर एडिटर काम करती हैं. वह पारी एजुकेशन के तहत इंटर्नशिप कर रहे युवाओं और स्टूडेंट वालंटियर्स के साथ भी मिलकर काम करती हैं. वह एक अनुभवी बांग्ला अनुवादक हैं. कोलकाता की रहने वाली सर्वजया शहर के इतिहास और यात्रा साहित्य में दिलचस्पी रखती हैं.