in-a-mother-s-tongue-bho

Mahasamund, Chhattisgarh

Feb 21, 2025

संउसे गांव में खड़िया बोलेवाली अकेला माई

खड़िया बोली पहिले छत्तीसगढ़ में बहुते परिवार में बोलल जात रहे. बाकिर अब पटानदादर गांव में बस एगो माइए के जबान पर ई बोली जिंदा बा. अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस, 2025 के मौका पर एगो कहानी

Want to republish this article? Please write to [email protected] with a cc to [email protected]

Author

Nirmal Kumar Sahu

निर्मल कुमार साहू पारी के छत्तीसगढ़ी अनुवाद संपादक बानी. पत्रकार आ अनुवादक के रूप में ऊ छत्तीसगढ़ी आ हिंदी दुनो भाषा में काम करेनी. उहां के छत्तीसगढ़ के प्रमुख समाचार प्रकासन सब में तीस बरिस के काज के अनुभव बा. फिलहाल ऊ देशडिजिटल न्यूज पोर्टल के प्रधान संपादक बानी.

Editor

Pratishtha Pandya

प्रतिष्ठा पंड्या पारी में सीनियर एडिटर बानी आउर एकर क्रिएटिव राइटिंग सेक्शन के अगुआई करेनी. उहां के पारीभाषा टीम के सदस्य भी बानी आउर गुजराती में कहानी अनुवाद आउर संपादित करेनी. प्रतिष्ठा के गुजराती आउर अंगरेजी में रचना सभ छपत रहेला.

Translator

Swarn Kanta

स्वर्णकांता एगो पत्रकार, एडिटर, टेक ब्लॉगर, कंटेन्ट राइटर, ट्रांसलेटर, लिंग्विस्ट आ एक्टिविस्ट बारी.